नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (Ministry of Health and Family Welfare) ने मंगलवार को कहा कि 11 राज्यों में 44 जिले हैं, जिन्होंने पिछले सप्ताह में कोरोना पाजिटिविटी रेट (corona positivity rate) 10 प्रतिशत से अधिक दर्ज की गई है। जबकि केरल में ऐसे छह जिले हैं, मणिपुर, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, नागालैंड और सिक्किम सहित पूर्वोत्तर राज्यों में 29 हैं। राजस्थान में संक्रमित ऐसे 2 जिले हैं, हिमाचल प्रदेश में एक, पश्चिम बंगाल में एक और पुडुचेरी में भी एक है।
Health Ministry के मुताबिक केरल और तमिलनाडु सहित नौ राज्यों में 37 जिलों ने पिछले दो हफ्तों में कोरोना संक्रमण (corona infection) मामलों में वृद्धि दिखाई दे रही है। सरकार ने कहा कि केरल (kerala) ने पिछले सात दिनों में भारत में दर्ज कुल कोरोना मामलों का 51.51 प्रतिशत दर्ज किया।
नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (National Center for Disease Control) के निदेशक डॉ एसके सिंह (Dr. SK Singh) ने कहा कि केरल में एक केंद्रीय टीम को यह देखने के लिए भेजा गया था कि ‘टेस्ट-ट्रैक-ट्रीट’ (tet-track-treat) की रणनीति को कैसे लागू किया जा रहा है, साथ ही टीम कॉन्टैक्ट ज़ोन (contact zone) की निगरानी की जाँच के साथ कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग का भी काम करेगी। यह टीम अस्पतालों के बुनियादी ढांचे और टीकाकरण की प्रगति को देखेगी।
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डॉ एसके सिंह ने कहा कि कई जिलों में डेल्टा के मामले सामने आ रहे हैं वहीँ देश में डेल्टा संस्करण के बढ़ते प्रभाव पर रोक लगाने की तैयारी की जा रही है। डॉ एसके सिंह ने कहा कि हमें जिन वेरिएंट के प्रकारों की निगरानी करनी हैं वे अल्फा, बीटा, गामा, डेल्टा और डेल्टा प्लस हैं। जांच के तहत दो प्रकार हैं – कप्पा और बी 1617.3। 9 अगस्त तक महाराष्ट्र में 34 सहित भारत में 86 नमूनों में डेल्टा प्लस वेरिएंट का पता चला है।
वहीँ सरकार ने कहा कि कुछ राज्यों में कोरोना की दर का बढ़ना चिंता का विषय है। हालांकि देश में कोरोना मामलों में स्थिरता है। पांच राज्यों में कोरोना की दर 1 से अधिक है, जिनमें एचपी, पंजाब, गुजरात, मध्य प्रदेश, यूपी शामिल है।