इटारसी, राहुल अग्रवाल। बेटी खुद को धन्य महसूस कर रहीं हैं। जिन्होंने पिता की अर्थी को कांधा दिया है और चिता को मुखाग्नि। गर्व इस बात का है कि बेटी ने वो काम किया है। जिसकी इनके पिता को बेटी से आशा थी। समाज में मिथक है कि बेटा ही पिता की चिता को मुखाग्नि देता है लेकिन एक बेटी ने इस कर्तव्य को पूरा करने के साथ मिथक को तोड़ा है।
हम बात कर रहे हैं इटारसी की। जहां पिता की चिता को उसकी इकलोती पुत्री साक्षी ने मुखाग्नि दी। मामला इटारसी का है। जहाँ आज मंडी के वरिष्ठ व्यापारी व समाजसेवी ओम मालवीय की आज ब्रेन हेमरेज ओर अटैक से दुःखद निधन हो गया।
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उनकी एकलौती बेटी साक्षी ने आज पिता की चिता को मुखग्नि देकर बेटे का फर्ज निभाया। घर से शमशान घाट तक बेटी पिता की अर्थी को कंधा भी दिया साथ ही माँ को भी दिलासा दिया। और आज एक सिख दी कि बेटियां बेटो से कम नही होती । ओम मालवीय इटारसी के वरिष्ठ नागरिक थे। और कई मंदिरों के सेवादार भी थे।