नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। सरकार ने आज विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं को अफगानिस्तान (Afganistan Crisis) की स्थिति की जानकारी दी। इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर (Minister of External Affairs S. Jaishankar) ने बताया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विदेश मंत्रालय को विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं को यह जानकारी देने का निर्देश दिया है, जिसके बाद आज यानी गुरुवार को विदेश मंत्री डा. एस जयशंकर ने राजनीतिक पार्टियों के संसदीय दलों के नेताओं को अफगानिस्तान की वर्तमान स्थिति के बारे में मुख्य समिति कक्ष, संसद भवन, नई दिल्ली में जानकारी दी। बता दें इस संबंध में विदेश मंत्रालय लोगों से शामिल होने का अनुरोध किया गया था।
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आयोजित बैठक में जयशंकर के अलावा राज्यसभा के नेता और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल तथा संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी भी मौजूद थे। जयशंयकर ने कहा कि अफगानिस्तान में हालात में अच्छे नहीं है। उन्होंने बताया कि भारत अपने देशों से वहां से निकालने में जुटा है। उनहोंने बताया की तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान से निकासी के लिए 15 हजार लोगों ने भारत से संपर्क किया है। साथ ही उन्होंने कहा कि दोहा में जो तालिबान (Taliban) ने वादे किए थे, वह उसपर खरा नहीं उतरा है। उन्होंने दोहा में अमेरिका-तालिबान के बीच हुए समझौते का भी जिक्र किया। बैठक में अफगानिस्तान से लोगों को बाहर निकालने के अभियान के अलावा मंत्रियों, राजनीतिक दलों के नेताओं को युद्ध से प्रभावित इस देश की स्थिति के बारे में सरकार के आकलन से भी अवगत कराया। बैठक से सरकार की कोशिश है कि अफगानिस्तान मसले पर पक्ष-विपक्ष दोनों एकजुट नजर आएं और उनकी भी सहमती हो।
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इस बैठक में विपक्ष के सभी बड़े नेता शामिल हुए हैं। इस दौरान राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता शरद पवार, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, द्रमुक नेता टी आर बालू, पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा, अपना दल की नेता अनुप्रिया पटेल सहित अन्य नेताओं ने हिस्सा लिया।