भोपाल।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद और फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने 16 बागी कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने हार मान ली है औऱ कहा है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ आज इस्तीफा दे सकते है, लेकिन कैबिनेट मंत्री द्वारा दावा किया जा रहा है कि सरकार बहुमत में है और विधानसभा में साबित कर देंगे।हालांकि 12 बजे मुख्यमंत्री कमलनाथ प्रेसवार्ता करने वाले है।वही विधायक दल की बैठक भी बुलाई है, जिसमें फ्लोर टेस्ट को लेकर रणनीति बनाई जाएगी। ऐसे में सबके मन में सवाल खड़े हो रहे है कि आगे क्या होगा।क्या मुख्यमंत्री इस्तीफा दे देंगे या सदन में बहुमत साबित कर देंगे।
माना जा रहा है कि ऐसे में सरकार के पास तीन रास्ते है। पहला फ्लोर टेस्ट से पहले ही मौजूदा हालात को देखने हुए हार मानते हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ प्रेस_कांफ्रेंस के दौरान अपने इस्तीफे की घोषणा कर दे। दूसरा अगर वो ऐसा नही करते है तो कोर्ट फैसले के ख़िलाफ़ याचिका दायर कर दे। ये इसलिए माना जा रहा है क्योंकि गुरुवार को कोर्ट का फैसला आने के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट करके कहा था कि हम फैसले को लेकर विधि विशेषज्ञों से चर्चा करेंगें। वही तीसरा यह है कि फ्लोर_टेस्ट से पहले सामूहिक रूप से कांग्रेस विधायक इस्तीफा दे दे। अगर ऐसा होता है तो मध्यावधि चुनाव की स्थिति पैदा होगी। ऐसे में कांग्रेस को नुकसान होने की संभावना है, क्योंकि जो पहली बार जीत आ आए है उनकी क्या ग्यारंटी की वे दोबारा जीते । वही अन्य कई परिस्थितियां भी खड़ी हो सकती है।अब सबकी निगाहें मुख्यमंत्री कमलनाथ पर टिक गई है कि वो क्या फैसला लेते है।
फ्लोर टेस्ट में भाजपा का पलड़ा भारी
कांग्रेस के सभी 22 बागियों के इस्तीफे स्वीकार होने के बाद संख्या बल में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। उसके 107 विधायक हैं। वहीं, कांग्रेस के पास स्पीकर समेत सिर्फ 92 विधायक रह गए हैं। कांग्रेस के पास निर्दलीय और बसपा-सपा के 7 विधायकों का भी समर्थन है। ऐसे में अगर फ्लोर टेस्ट होता है तो कमलनाथ के लिए सरकार बचाना मुश्किल होगा।