भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (Madhya pradesh) में नगरीय निकाय चुनाव (Urban body elections) को लेकर तैयारियां शुरू हो गई है। प्रदेश के 56 नगरीय निकायों में वोटर लिस्ट (voter list) का रिवीजन 14 दिसंबर तक पूरा हो रहा है। जिसके बाद चुनाव के तारीखों का ऐलान किया जा सकता है। वहीं 9 दिसंबर यानी कि कल रविंद्र भवन में सुबह 11:00 बजे महापौर पद के लिए आरक्षण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। माना जा रहा है कि इस बार राजधानी भोपाल (bhopal) में अगला महापौर ओबीसी (OBC) वर्ग से होगा। संभावना यह भी है कि यह पद ओबीसी महिला के लिए आरक्षित हो जाए।
दरअसल बुधवार को नगर निकाय के महापौर (Mayor) और अध्यक्ष पद के लिए आरक्षण की स्थिति का पता चल जाएगा। माना जा रहा है कि तीन बार अनारक्षित रह चुके भोपाल नगर निगम इस बार आरक्षित होंगे। इसके साथ ही भोपाल का अगला महापौर ओबीसी वर्ग से हो सकता है। हालांकि अगर स्थिति पूरी तरह से स्पष्ट रही तो भोपाल महापौर का पद ओबीसी महिला के लिए आरक्षित होगा।
इसके अलावा इंदौर के महापौर का पद सामान्य वर्ग से होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि नगर निगम में महापौर के लिए अनुसूचित जाति-जनजाति का आरक्षण आबादी के मुताबिक और ओबीसी आरक्षण 25% तक होता है। जबकि पिछली बार इंदौर महापौर का पद ओबीसी महिला के लिए आरक्षित है। इसको हटा कर इस बार यह आरक्षण सामान्य पद के लिए खुला रहेगा।
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बता दें कि मध्यप्रदेश नगर निकाय में 50 प्रतिशत महिला आरक्षण के लिए रोटेशन मोड़ (Rotation mode) में रखा गया है। इसके कारण पिछली बार अनारक्षित रहे नगर निगम के सीट महिला वर्ग के लिए आरक्षित रहेंगे। वहीं पिछली बार आरक्षित रहे सीट, इस बार अनारक्षित रहेंगे। इंदौर(indore), सागर (sagar) छिंदवाड़ा (chindwada) और बुरहानपुर (Burhanpur) सीट ओबीसी के पाले से हटकर सामान्य खाते में जाएगी। जबकि पिछले बार कटनी(katni), खंडवा(khandwa), ग्वालियर (gwalior) में सीट सामान्य होने की वज़ह से इस बार वहां सीट आरक्षित रहेगी। वहीं पिछली बार जबलपुर (jabalpur), रीवा (REWA), सतना (Satna) और रतलाम सामान्य महिला के आरक्षित था। जो इस बार ओबीसी खाते में जाएगा।
इसके साथ ही उज्जैन (ujjain) जो कि पिछली बार एससी महिला (SC Woman) के लिए आरक्षित थी। इस बार एससी के खाते में जाएगी। वहीं सिंगरौली पिछली बार एसटी महिला के लिए आरक्षित होने की वजह से इस बार एसटी के खाते में जाएगी। जबकि मुरैना की सीट एसटी महिला के लिए आरक्षित होगी।
बता दें कि प्रदेश के 407 नगरीय निकाय में महापौर अध्यक्ष पद के लिए आरक्षण होना है। इनमें 16 नगर निगम, 99 नगर पालिका, और 294 नगर परिषद चुनाव की तारीखों का ऐलान किया जाएगा। वहीं पिछली बार की तरह इस बार भी 2011 की जनगणना के आधार पर ही आरक्षण किया जाएगा। इसका साफ मतलब है कि अनुसूचित जाति, जनजाति के लिए आरक्षण ने बदलाव नहीं किया जाएगा।