सालों बाद फिर TATA का हुआ AIR INDIA, सबसे ज्यादा कीमत लगाकर जीती बोली

air india

नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। एक बार फिर सालों बाद एअर इंडिया (Air India) की कमान टाटा समूह के हाथों में चली गई है। सरकारी एयरलाइन एअर इंडिया (Air India Sold) को टाटा समूह ने सबसे ज्यादा बोली लगाकर जीत लिया है। सूत्रों के अनुसार दिसंबर 2021 तक एअर इंडिया की विनिवेश प्रक्रिया होते ही टाटा सन्स को इसकी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।हांलाकि अभी नागरिक उड्डयन मंत्रालय से इसकी पुष्टि नहीं हुई है।

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एअर इंडिया के लिए टाटा ग्रुप (Tata Group) और स्पाइसजेट (SpiceJet) के अजय सिंह ने बोली लगाई थी। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक टाटा संस ने सबसे ज्यादा कीमत लगाकर बोली जीत ली है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मंत्रियों के एक पैनल ने एयरलाइन के अधिग्रहण के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। आने वाले दिनों में एक आधिकारिक घोषणा की उम्मीद है।मौजूदा समय में एअर इंडिया देश में 4400 और विदेशों में 1800 लैंडिंग और पार्किंग स्लॉट को कंट्रोल करती है।

इस सौदे से टाटा को नुकसान भी होगा क्योंकि साल 2007 में इंडियन एयरलाइंस (Indian Airlines) में विलय के बाद से एअर इंडिया कभी नेट प्रॉफिट में नहीं रही है. एअर इंडिया में मार्च 2021 में खत्म तिमाही में लगभग 10,000 करोड़ रुपए का घाटा होने की आशंका जताई गई। कंपनी पर 31 मार्च 2019 तक कुल 60,074 करोड़ रुपए का कर्ज था, लेकिन अब टाटा संस को इसमें से 23,286.5 करोड़ रुपए के कर्ज का बोझ उठाना होगा।

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आपको बता दे कि Air India की शुरुआत 1932 में टाटा ग्रुप ने ही की थी। टाटा समूह के जे. आर. डी. टाटा (JRD Tata) ने इसकी शुरुआत की थी, वे खुद भी एक बेहद कुशल पायलट थे।देश की आजादी के बाद वर्ष 1947 में भारत सरकार ने एयर इंडिया में 49 फीसदी हिस्सेदारी का अधिग्रहण कर लिया। इसके बाद 1953 में भारत सरकार ने एयर कॉर्पोरेशन एक्ट पास किया और फिर टाटा समूह से इस कंपनी में बहुलांश हिस्सेदारी खरीद ली।अपडेट

 


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Pooja Khodani

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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