1 फरवरी को देश का बजट पेश किया जाएगा। यह बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा सुबह 11:00 बजे पेश किया जाएगा। इस बजट से देश के नागरिकों को कई उम्मीदें हैं। इस साल बजट में बड़ी घोषणाएं की जा सकती हैं। बजट के करीब आते ही लोगों के मन में तरह-तरह के सवाल उठते हैं। आज हम आपको देश के एक ऐसे वित्त मंत्री के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने कार्यभार तो संभाला, लेकिन बजट पेश नहीं किया।
यह वित्त मंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की सरकार के समय थे। नेहरू सरकार में वित्त मंत्री ने कार्यभार संभाला, लेकिन बजट पेश नहीं किया। इसके पीछे एक बड़ी वजह थी। आइए जानते हैं आखिर ऐसा क्यों हुआ।
कौन थे ऐसे वित्त मंत्री?
दरअसल, इस वित्त मंत्री का नाम के.सी. नियोगी है। के.सी. नियोगी ने जवाहरलाल नेहरू की सरकार में वित्त मंत्री के रूप में 1949 में कार्यभार संभाला था। बता दें कि के.सी. नियोगी एक जाने-माने अर्थशास्त्री और भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर थे। लेकिन वह एक ऐसे वित्त मंत्री हैं जिन्होंने कार्यभार तो संभाला, लेकिन बजट पेश नहीं किया। बजट, जिसका देश का हर नागरिक बेसब्री से इंतजार करता है, को हमारे देश का सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज माना जाता है। यह देश की अर्थव्यवस्था तय करता है और सरकार की नीतियों को आगे बढ़ाता है। लेकिन के.सी. नियोगी ने कार्यभार संभालने के बावजूद बजट पेश नहीं किया।
क्या है इसका कारण?
दरअसल, के.सी. नियोगी का कार्यकाल मात्र 4 महीने का था, जिसके चलते वह बजट पेश नहीं कर सके। हालांकि, उनके बाद 1950 में जॉन मथाई ने वित्त मंत्री के रूप में स्वतंत्र भारत का पहला बजट पेश किया। भले ही के.सी. नियोगी ने देश का पहला बजट पेश नहीं किया, लेकिन उन्होंने इस बजट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। भारत की आर्थिक नीतियों में स्थिरता लाना और स्वतंत्र भारत की अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा देने में के.सी. नियोगी का नाम सबसे आगे आता है।के.सी. नियोगी के अलावा, एच.एन. बहुगुणा भी एक ऐसे वित्त मंत्री रहे हैं जिन्होंने बजट पेश नहीं किया। हालांकि, राजनीतिक उथल-पुथल के कारण एच.एन. बहुगुणा ने इस्तीफा दे दिया था।