नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। देश में बढ़ती महंगाई के बीच एसबीआई की एक रिपोर्ट थोड़ी राहत भरी खबर लेकर आई है। रिपोर्ट के मुताबिक, अगले साल मार्च तक भारत में महंगाई दर लगभग पांच प्रतिशत हो जाएगी।
रिपोर्ट में एसबीआई की तरफ से कहा गया है कि भारत सरकार द्वारा जून 2022 में जारी की गई 7.01 प्रतिशत मुद्रास्फीति दर इस बात की पुष्टि करती है कि अब ये नीचे आ जाएगी।
बता दे, इससे पहले आपूर्ति कारकों के कारण सितंबर 2021 के बाद मुद्रास्फीति बढ़ने लगी, जबकि मांग आधारित सीपीआई कमोबेश स्थिर रहा।
ये भी पढ़े … कप्तान रोहित शर्मा के छक्के से घायल हुई एक बच्ची, देखे वीडियो
हालांकि, इस बीच महंगाई बढ़ने का कारण रूस-यूक्रेन युद्ध भी रहा। हाल के महीनों में मांग के कारण सीपीआई मुद्रास्फीति थोड़ी बढ़ गई है, जबकि आपूर्ति की वजह से सीपीआई मुद्रास्फीति कम हो रही है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि आरबीआई को दरों में और बढ़ोतरी करनी पड़ सकती है, हालांकि आपूर्ति कारकों के कारण मुद्रास्फीति में स्पष्ट गिरावट का रुख है। कोर मुद्रास्फीति अप्रैल में अपने चरम पर पहुंचने के बाद गिरना शुरू हो गई है। परिवहन और संचार के योगदान में गिरावट अप्रैल में 1.7 प्रतिशत से घटकर जून में 1.1 प्रतिशत रहने की वजह से है।
दरअसल, कोर सीपीआई में गिरावट मोटे तौर पर पिछले महीनों में उच्च मुद्रास्फीति दरों के प्रभाव के कारण मांग में गिरावट का परिणाम है।
ये भी पढ़े … श्रीलंका में बेकाबू हुए हालात, इमरजेंसी लागू, कार्यवाहक राष्ट्रपति बने रानिल विक्रमसिंघे
लेकिन इस दौरान नए निवेश की घोषणा वित्त वर्ष 2023 में लगभग 27 प्रतिशत घटकर 4.35 लाख करोड़ रुपये रह गई, जबकि वित्त वर्ष 2022 में यह 5.99 लाख करोड़ रुपये थी।