इन 5 बैंकों ने किया KYC से जुड़े नियमों का उल्लंघन, RBI ने लगाया मौद्रिक जुर्माना, कहीं इनमें आपका खाता तो नहीं?

नियमों की अनदेखी होने पर आरबीआई ने सख्त कदम उठाया है। आरोपों की पुष्टि होने पर मौद्रिक जुर्माना लगाया है। आइए जानें केन्द्रीय बैंक ने यह कदम उठाया और क्या ग्राहकों पर भी इसका प्रभाव पड़ेगा?

Manisha Kumari Pandey
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RBI Action: भारतीय रिजर्व बैंक ने पांच सहकारी बैंकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। यह कदम आरबीआई ने बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट 1949 के धारा 47ए (1)(सी) के साथ पठित धारा 46 (4)(i) और 56 के तहत उठाया है। सभी बैंकों पर केवाईसी से संबंधित नियमों का उल्लंघन करने का आरोप है।

ये सभी बैंक तमिलनाडु में स्थित हैं। द कामराज को-ऑपरेटिव टाउन बैंक लिमिटेड पर 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। द आरकोट को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड पर 25000 रुपये की पेनल्टी लगी है। द कॉरडाइट फैक्ट्री को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (नीलगिरी), द तमिलनाडु सर्किल पोस्टल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड और विरुधुनगर को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया है।

आरबीआई ने क्यों लगाया जुर्माना (RBI Monetary Penalty)

द कामराज को-ऑपरेटिव टाउन बैंक लिमिटेड ने पात्र एकल उधारकर्ता जोखिम सीमा से परे ऋण स्वीकृत किए। एसएफ के तहत जारी निर्देशों का पालन न करते हुए 100% से अधिक जोखिम भार वाले लोग नए लोन और अग्रिम स्वीकृत किए। लोन मानदंडों से जुड़े शेयर का अनुपालन किए बिना कुछ लोन स्वीकृत किए, जबकि उसका सीआरएआर विनियामक न्यूनतम से कम था। सीआरएआर विनियामक न्यूनतम होने के बाद भी अपने सदस्यों को शेयर पूंजी की वापसी की अनुमति दी। इतना ही निर्धारित समय सीमा के भीतर ग्राहकों के केवाईसी रिकॉर्ड को केंद्रीय केवाईसी रिकॉर्ड रजिस्ट्री पर अपलोड करने में भी विफल।

वहीं द आरकोट को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, द कॉरडाइट फैक्ट्री को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (नीलगिरी), द तमिलनाडु सर्किल पोस्टल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड और विरुधुनगर को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड निर्धारित समय सीमा के भीतर सेंट्रल केवाईसी रिकॉर्ड रजिस्ट्री पर ग्राहकों के केवाईसी रिकॉर्ड को अपलोड नहीं कर पाएं।

सभी बैंकों को आरबीआई ने नोटिस जारी किया था  (Bank News) 

भारतीय रिजर्व बैंक ने  मार्च 2023 में इन बैंकों के वित्तीय स्थिति के संदर्भ में संवैधानिक निरीक्षण किया था। इस दौरान पाया गया कि बैंक दिशा निर्देशों के पालन में अनदेखी कर रहे थे।  इसके बाद सभी को नोटिस जारी किया गया। नोटिस पर प्राप्त प्रतिक्रिया और आगे की जांच के बाद आरबीआई ने मौद्रिक जुर्माना लगाने का निर्णय लिया। हालांकि ग्राहकों और बैंक के बीच हो रहे ट्रांजैक्शन और समझौते की वैलिडीटी पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा।


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