RBI Action: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank Of India) ने इस महीने एक ओर बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है। जिसका प्रभाव ग्राहकों पर भी पड़ेगा। वहीं पब्लिक सेक्टर के पंजाब नेशनल बैंक (PNB) पर भारी मौद्रिक जुर्माना लगाया है। इस बात की जानकारी केन्द्रीय बैंक ने प्रेस विज्ञप्ति के जरिए दी है। निर्देशों और नियमों का उल्लंघन करने पर रिजर्व बैंक अक्सर बड़ी कार्रवाई करता है। जुलाई में अब तक आरबीआई 4 सहकारी बैंकों पर भी पेनल्टी ठोक चुका है।
पंजाब नेशनल बैंक ने किया नियमों का उल्लंघन
पीएनबी पर केवाईसी और लोन-एडवांस से संबंधित नियमों का उल्लंघन होने का आरोप साबित होने के बाद यह कार्रवाई की है। 1 करोड़ 30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट 1949 की धारा 47 ए (1), 46 (4) (i) और 51 (1) की शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए यह एक्शन लिया है।
बैंक ने सब्सिडी/रिफ़ंड/प्रतिपूर्ति के जरिए सरकार से प्राप्त होने वाली राशि के खिलाफ दो राज्य सरकार के स्वामित्व वाले नियमों को कार्यशील पूंजी मांग लोन मंजूर किया है। साथ ही कुछ खातों में व्यवसायिक संबंधों के दौरान प्राप्त ग्राहकों की पहचान और उनके पते से संबंधित रिकॉर्ड को सरक्षित करने में विफल रहा। मार्च 2022 में पर्यवेक्षी मूल्यांकन के लिए किए गए वैधानिक निरीक्षण के दौरान इस बात का खुलासा हुआ। हालांकि बैंक और ग्राहकों के बीच हुए लेनदेन या समझौते पर इस कार्रवाई का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। केन्द्रीय बैंक ने इस बात की पुष्टि कर दी है।
इस बैंक का लाइसेंस रद्द
आरबीआई ने कर्नाटक के मांडया जिले के मद्दूर में स्थित शिम्शा सहकारी बैंक नियमिथा पर का लाइसेंस रद्द कर दिया है। 5 जुलाई को बैंकिंग व्यवसाय बंद करने का आदेश भी जारी कर दिया है। रिजर्व बैंक ने सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार, कर्नाटक से बैंक को बंद करने और बैंक के लिए एक परिसमापक नियुक्त करने का आदेश भी जारी किया है। बैंक न ग्राहकों से जमा को स्वीकृति दे पाएगा ना ही जमाओं का पुनर्भुगतान कर पाएगा।
क्यों रद्द हुआ बैंक का लाइसेंस? आरबीआई ने बताई वजह
आरबीआई ने कहा, “बैंक का चालू रहना जमाकर्ताओं के हितों के लिए हानिकारक है। अपनी वर्तमान वित्तीय स्थिति के साथ बैंक अपने वर्तमान ग्राहकों को पूर्ण भुगतान करने में भी समर्थ है। यदि बैंक को बैंकिंग व्यवसाय आगे जारी रखने की अनुमति दी जाती है तो सार्वजनिक हित पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
ग्राहक निकाल पाएंगे इतनी राशि
प्रत्येक जमाकर्ता DICGC अधिनियम 1961 के प्रावधानों के अधीन जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम से 5 लाख रुपये की मौद्रिक सीमा तक अपनी जंसस राशि की जमा बीमा दावा राशि प्राप्त कर सकते हैं। बैंक द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार 99.96% ग्राहक अपनी पूरी राशि क्लेम करने के पात्र हैं।