नई दिल्ली,डेस्क रिपोर्ट। आम आदमी को महंगाई के मोर्चे पर बुरी खबर है। तीन महीने की गिरावट के बाद अगस्त महीने में खुदरा महंगाई दर (retail inflation rate) में एक बार फिर बढ़ोतरी हुई है। इससे खाद्य पदार्थ की कीमतों में तीन महीने से जारी गिरावट थम गई है। वहीं आरबीआई बैंक पर एक बार फिर बढ़ती कीमतों पर काबू पाने के लिए अधिक आक्रामक तरीके से दरों को बढ़ाने का दबाव बढ़ गया है।
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सरकारी आंकड़ों के मुताबिक कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) आधारित रिटेल महंगाई दर अगस्त में बढ़कर 7% हो गई। जबकि जुलाई में ये 6.7% थी। वहीं पिछले वर्ष अगस्त में यह 5.3 फीसदी पर थी। बता दें कि रिटेल इंफ्लेशन लगातार आठ महीने से आरबीआई के 6% टारगेट बैंड से ऊपर है। हालांकि हाल के हफ्तों में कच्चे तेल की कीमतों में काफी गिरावट आई है, लेकिन मुद्रास्फीति पर सकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ सका है क्योंकि ईंधन का सभी उपभोक्ता वस्तुओं की श्रेणी में बहुत छोटा हिस्सा है।
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गौरतलब है कि खाने पीने का सामान खास तौर पर खाने का तेल और सब्जियों की कीमतों के घटने की वजह से महंगाई कम हुई थी। अगस्त में फूड इन्फ्लेशन 7.62% हो गई जो जुलाई में 6.69% थी। जून में 7.75% रही थी। मई महीने में यह 7.97% और अप्रैल में 8.38% थी। हालांकि जनवरी 2022 में रिटेल महंगाई दर 6.01%, फरवरी में 6.07%, मार्च में 6.95%, अप्रैल में 7.79%, मई में 7.04% और जून में 7.01% दर्ज की गई थी। वहीं पहले से महंगाई की मार झेल रहे घरेलू बजट पर दबाव बढ़ा है।