Saving Scheme: हाउसवाइफ के लिए LIC की धांसू स्कीम, बनेगा लाखों का फंड, रोजाना करें 60 रुपये की बचत

Manisha Kumari Pandey
Published on -

Money Saving Scheme: एक हाउसवाइफ अपनी जरूरतों के लिए पति पर निर्भर होती है। बिना वेतन के 24×7 काम करती है। ऐसे में उनके लिए बचत और भी ज्यादा जरूरी होता है। ताकि भविष्य में परिवार की सहायता कर सकें। एलआईसी वर्षों से निवेश के लिए विश्वसनीय प्लेटफ़ॉर्म रहा है। बीमा कंपनी महिलाओं के लिए खास स्कीम चला रही है, जिसका नाम “आधार शीला स्कीम” है।

स्कीम के बारे में

एलआईसी आधार शीला स्कीम की मदद से महिलायें छोटी बचत से साथ भी लाखों का फंड तैयार कर सकती हैं। इसमें कई सुविधाओं का लाभ भी मिलता है। आयकर अधिनियम के सेक्शन 80सी के तहत टैक्स छूट की सुविधा भी मिलती है। 15 दिन का फ्री लुक पीरियड भी मिलता है। निवेश के तीन साल बाद लोन के भी आवेदन कर सकते हैं। यदि मैच्योरिटी के पहले निवेशक की मृत्यु हो जाती है तो पॉलिसी का लाभ नॉमिनी का परिवार को मिलता है। इतना ही नहीं एक्सीडेंट बेनेफिट्स भी मिलता है। 8 वर्ष से 55 वर्ष आयु की महिलायें पॉलिसी का लाभ उठा सकती हैं। पॉलिसी की अवधि 10 साल से लेकर 20 साल तक है। तिमाही, छमाही और वार्षिक प्रीमियम भुगतान कर सकते हैं।

ये है कैलकुलेशन

यदि कोई महिला 30 साल की उम्र में 20 साल के लिए पॉलिसी में निवेश करती है तो उसे सलाना इस स्कीम में 21, 918 रुपये जमा करने होंगे। इस हिसाब से हर महीने 1834 रुपये का निवेश करना होगा। महिला को हर दिन करीब 60 रुपये की बचत करनी होगी। मैच्योरिटी के दौरान 7 ,94,000 रुपये मिलते हैं, जिसमें से निवेशकों की जमा राशि 4, 29, 392 रुपये होती है।

(Disclaimer: इस आलेख का उद्देश्य केवल जानकारी साझा करना है। MP Breaking News किसी भी स्कीम में निवेश की सलाह नहीं देता।)


About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है।अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"

Other Latest News