NEET UG 2024: नीट यूजी पेपर लीक मामले को लेकर बवाल अब भी जारी है। केंद्र सरकार भी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी में बदलाव की तैयारी में जुट चुकी है। जिसे लेकर छात्रों, अभिभावकों और अन्य हितधारकों ने सुझाव भी मांगे गए हैं। अब मेडिकल प्रवेश परीक्षा को लेकर बड़ी अपडेट सामने आई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शिक्षा मंत्रालय राष्ट्रीय पात्रता सह प्रदेश परीक्षा के फॉर्मेट में बदलाव करने पर विचार कर रही है। अगले साल से एग्जाम पेपर एवं पेपर मोड में नहीं बल्कि ऑनलाइन मोड यानि CBT में आयोजित हो सकते हैं। इससे परीक्षा में पेपर लीक की संभावनाएं कम हो जाएगी।
पिछले हफ्ते तीन उच्च स्तरीय मीटिंग में नीट यूजी परीक्षा को लेकर चर्चा हुई है। बता दें कि 22 जून केंद्र सेकर ने इसरो के पूर्व अध्यक्ष राधाकृष्ण की अध्यक्षता में 7 सदस्यीय समिति का गठन किया गया। ताकि परीक्षा की प्रक्रिया और डेटा सिक्योरिटी में सुधार हो सके। साथ ही एनटीए के स्ट्रक्चर और फंक्शनिंग की समीक्षा की जा सके। पेपर लीक मामले में सीबीआई जांच भी चल रही है।
पूर्व शिक्षा मंत्री ने ऑनलाइन मोड में नीट यूजी की घोषणा की थी
इससे पहले 2018 में भी पूर्व शिक्षा मंत्री प्रकाश जावेदकर ने नीट यूजी को ऑनलाइन मोड और साल में दो बार आयोजित करने करने की घोषणा की थी। लेकिन पिछड़ा और ग्रामीण क्षेत्र के छात्रों पर इसके प्रभाव को को देखते हुए फैसला वापस लेना पड़ा। नीट यूजी परीक्षा जेईई मेंस, आईआईटी एडवांस के तर्ज पर ऑनलाइन आयोजित हो सकती है। हालांकि यह फैसला काफी गंभीर होगा।
कोचिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया ने दिए ये सुझाव
कोचिंग संस्थानों के सगंठन कोचिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया ने भी मेडिकल प्रवेश परीक्षा पेपर लीक के मामले की निंदा की। संगठन ने सख्त कार्रवाई और जांच की मांग भी की। साथ ही बदलाव को लेकर कुछ सुझाव भी दिए। सीएफआई ने छात्रों के बीच तनाव को कम करने के लिए जेईई मेंस की तरह नीट यूजी को भी साल में दो बार आयोजित करने का सुझाव दिया है। साथ ही पुनर्गठन करने का सुझाव भी दिया है। इसमें एनटीए में आउटसोर्स स्टाफ सिमिटी करने, सिक्योर स्टोरेह फ़ैसिलिटी और सीसीटीवी कवरेज का सुझाव दिया है। ऑफलाइन परीक्षाओं के लिए 4 जॉन और प्रश्न पत्रों के 4 सेट रखने की सलाह दी है। इसके अलावा अधिक ऑनलाइन केंद्र का सुझाव भी दिया है।