Fraud University: सावधान! यूनिवर्सिटी चयन में धोखा ना खाएं, सही गलत इस तरह जानें

Fraud University: आजकल, फर्जी कॉलेजों की बढ़ती संख्या एक गंभीर समस्या बन गई है। ऐसे में, एडमिशन लेने से पहले कॉलेज की पूरी जानकारी प्राप्त करना और उसकी सच्चाई जानना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

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Fraud University: हर साल, गर्मियों की छुट्टियों के साथ ही देश भर में कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में दाखिले का मेला शुरू हो जाता है। हवा में नई शुरुआत की खुशबू घुली होती है, मगर साथ ही छात्रों के बीच एक खास तरह की उधेड़बुन भी देखने को मिलती है। प्रसिद्ध संस्थानों में कड़ी प्रतिस्पर्धा के कारण हर किसी को अपनी मनचाही सीट नहीं मिल पाती। ऐसे में, कई छात्र खुद को दोराहे पर पाते हैं। कुछ तो नामी कॉलेजों के सपने को संजोए रखते हैं, वहीं कुछ व्यावहारिकता को ध्यान में रखते हुए नए या किफायती विकल्पों की ओर रुख करते हैं। लेकिन यह उत्साह का दौर जल्दबाजी का पर्याय नहीं बनना चाहिए। कॉलेज का चुनाव किसी भी छात्र के भविष्य को दिशा देने वाला महत्वपूर्ण निर्णय होता है। तो आइए, इस महत्वपूर्ण मोड़ पर छात्रों को सही राह दिखाने के लिए कुछ जरूरी बातों पर गौर करें, ताकि वे सतर्कता और जानकारी से लैस होकर अपने सपनों को साकार करने की ओर कदम बढ़ा सकें।

कॉलेज चुनते समय सबसे पहले ये देखो कि वो मान्यता प्राप्त है कि नहीं। मान्यता मानो एक तमगा होता है, जो बताता है कि कॉलेज पढ़ाई-लिखाई के अच्छे स्तर को बनाए रखता है। भारत में क्वालिटी एश्योरेंस एजेंसी फॉर हायर एजुकेशन (QAA) नाम वाला दफ्तर इस मान्यता को देता है। मान्यता प्राप्त कॉलेज अपने बारे में जानकारी देते समय सबसे पहले यही बताएंगे। तो एडमिशन लेने से पहले ज़रा ये जरूर पता कर लो।

यूजीसी की लिस्ट चेक करना

फर्जी यूनिवर्सिटी से बचने का आसान तरीका है, यूजीसी की लिस्ट चेक करना। यूजीसी यानी यूनिवर्सिटी अनुदान आयोग, कॉलेजों और यूनिवर्सिटी को मान्यता देता है। हर साल वो एक लिस्ट जारी करता है, जिसमें फर्जी यूनिवर्सिटी के नाम होते हैं। एडमिशन लेने से पहले https://www.ugc.gov.in/ पर जाकर अपनी यूनिवर्सिटी का नाम जरूर ढूंढ लो। अगर लिस्ट में नहीं है तो सावधान, हो सकता है वो फर्जी यूनिवर्सिटी हो।

अच्छी बिल्डिंग देखकर फंस मत जाना

कॉलेज चुनते समय सिर्फ अच्छी बिल्डिंग देखकर फंस मत जाना। खासकर प्राइवेट कॉलेज में एडमिशन लेने से पहले ये जरूर देख लो कि उनके पास लाइसेंस और कोर्स की मान्यता है कि नहीं। लाइसेंस सरकार देता है, जो बताता है कि कॉलेज पढ़ा सकता है। मान्यता एक तरह की मंजूरी होती है, जो ये बताती है कि कॉलेज जो कोर्स करा रहा है, उसकी डिग्री वैध है। बिना लाइसेंस और मान्यता के एडमिशन मत लेना, नहीं तो आपकी डिग्री ही फंस जाएगी।

एफिलिएशन

कॉलेज चुनते समय, ये जरूर पता कर लो कि वो किससे जुड़ा हुआ है, इसे एफिलिएशन कहते हैं। मानो स्कूल किसी बड़े बोर्ड से जुड़ा होता है, वैसे ही कॉलेज किसी बड़ी यूनिवर्सिटी या किसी खास क्षेत्र के लिए बने नियामक संस्था से जुड़ा होता है। जैसे, ग्रेजुएशन के लिए यूनिवर्सिटी से और इंजीनियरिंग के लिए एआईसीटीई से मान्यता होना चाहिए। एफिलिएशन होने से ये फायदा होता है कि वहां पढ़ाई का स्तर अच्छा रहता है और डिग्री भी मान्य होती है. तो एडमिशन लेने से पहले ये जरूर चेक कर लो।

वेबसाइट को अच्छी तरह खंगालो

कॉलेज की वेबसाइट को अच्छी तरह खंगालो। वहां क्या जानकारी दी है और क्या नहीं, ये गौर से देखो। वहां पढ़ाने वाले टीचर्स यानी फैकल्टी कैसे हैं, उनकी पढ़ाई-लिखाई कैसी है, ये भी पता करो। कॉलेज से निकले हुए स्टूडेंट्स, यानी एलुमनाई, क्या कहते हैं, उनकी राय जानने की कोशिश करो। कॉलेज की रैंकिंग कैसी है और कंपनियां वहां से निकले बच्चों को कितना हायर करती हैं, ये भी चेक कर लो। एडमिशन लेने से पहले पूरी जानकारी जुटा लो, ताकि बाद में कोई पछतावा न हो।

(Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।)

 

 


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भावना चौबे

भावना चौबे

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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