MPPSC : एमपीपीएससी के उम्मीदवारों के लिए महत्वपूर्ण सूचना है। एमपीपीएससी द्वारा परीक्षा के लिए रिजल्ट तैयार करने का फार्मूला तैयार किया गया है। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा इसके लिए निर्देश दिए गए थे। हालांकि एक बार फिर से अब यह फार्मूला विवाद का विषय बन गया है और हाईकोर्ट में इसके लिए याचिका दायर की गई है।
फार्मूले को लेकर लगाए गए बड़े आरोप
दरअसल सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 87:13:13 फॉर्मूला के आधार पर सभी परीक्षाओं के रिजल्ट और चयन सूची जारी करने के निर्देश दिए गए थे। जिसके बाद मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा लंबित सभी परीक्षाओं के रिजल्ट की घोषणा इस फार्मूले पर की जा रही है। इस फार्मूले को कोर्ट में चैलेंज किया गया है। वहीं इस फार्मूले को लेकर बड़े आरोप लगाए गए हैं।
इस फार्मूले पर अपना पक्ष रखने के निर्देश
उम्मीदवारों का कहना है कि इस फार्मूले में आरक्षण के नियम का उल्लंघन किया गया है। केविएट के कारण कोई अंतरिम आदेश जारी नहीं किया गया है लेकिन हाई कोर्ट मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग और शासन से इस फार्मूले पर अपना पक्ष रखने के निर्देश दिए हैं।
उम्मीदवारों के चयन में गड़बड़ी
नवीन मिश्रा की तरफ से हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है। जिसमें वकील विभोर खंडेलवाल द्वारा अदालत में सुनवाई के दौरान कहा गया कि मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा 87:13:13 फॉर्मूला के आधार पर रिजल्ट तैयार किए जा रहे हैं। उम्मीदवारों के चयन में गड़बड़ी की गई। दलील पेश करते हुए वकील ने कहा कि ओबीसी का कटऑफ अनारक्षित वर्ग से अधिक रखे गए हैं। जिसे कम होना चाहिए। इसके अलावा आरक्षण नहीं बल्कि योग्यता के आधार पर तैयार की गई 13% अधिक सूची में सभी वर्गों के उम्मीदवार के नाम होने चाहिए। लेकिन इस 13% में केवल सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं।
87:13:13 के फार्मूला के आधार पर रिजल्ट तैयार
जिस पर हाईकोर्ट ने मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग और मध्यप्रदेश शासन से इस मामले में अपना पक्ष रखने और स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए हैं। बता दें कि अभी तक जिन परीक्षाओं के लिए 87:13:13 के फार्मूला के आधार पर रिजल्ट तैयार किया गया है। उनमें सिस्टम एनालिस्ट परीक्षा 2022, स्त्री रोग विशेषज्ञ परीक्षा 2022, राज्य इंजीनियरिंग सेवा परीक्षा 2021, राज्य इंजीनियरिंग सेवा परीक्षा 2020, दंत शल्य चिकित्सक परीक्षा 2022 और शाखा अधिकारी संपदा प्रबंधक परीक्षा 2021 शामिल है।