ग्वालियर डेस्क रिपोर्ट।अतुल सक्सेना-लॉकडाउन को लेकर ग्वालियर के कलेक्टर ने एक बड़ा निर्णय लिया है। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह में लॉक डाउन की अवधि में दो दिन के लिए शराब की दुकानों पर भी तालाबंदी करा दी है। कलेक्टर का यह निर्णय पूरे प्रदेश में सराहा जा रहा है ।
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कोरोना के बढते संक्रमण के बीच जहां मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संपूर्ण नगरीय निकायों में दो दिन का लॉक डाउन घोषित किया है वहीं दूसरी ओर शराब की दुकानों के बारे में किसी तरह का कोई आदेश गृह मंत्रालय के माध्यम से नहीं निकला है। अक्सर यह देखा गया है कि लॉकडाउन का असर शराब की दुकानों पर नहीं पड़ता और राजस्व की चाहत में इन्हें खुला रखा जाता है। लेकिन इन सबके बीच ग्वालियर कलेक्टर ने एक कड़ा कदम उठाया है। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने आदेश दिया है कि शनिवार और रविवार जिन दो दिनों में लॉकडाउन हैं ,उन दिनों में शराब की दुकानें भी बंद रहेंगी।
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दरअसल मध्य प्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 24(1) में कलेक्टर को अधिकार दिए गए हैं कि वे अपने क्षेत्र की देशी या विदेशी शराब और भांग की फुटकर बिक्री की दुकानों को या अन्य मदिरा केंद्रों को बंद रख सकते हैं। कलेक्टर ने अपनी इन्हीं शक्तियों का प्रयोग किया है और शराब की दुकानों को बंद रखने का आदेश दिया है। आदेश में यह भी कहा गया है कि अगर किसी ने आदेष की अवहेलना की तो उसके खिलाफ नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही की जाएगी और आदेश का कड़ाई से पालन किया जाए।
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कलेक्टर के लॉकडाउन के संबंध में शराबबंदी के आदेश की जमकर तारीफ हो रही है। लोगों का कहना है कि पहली बार किसी प्रशासनिक अधिकारी ने कम से कम जनता के स्वास्थ्य के बारे में तो सोचा। डॉक्टर भी कह चुके हैं कि वैक्सीन लगने के कुछ दिन बाद तक शराब या अन्य मादक पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि कोरोना से ज्यादा असर फेफड़ों पर होता है और ऐसे में शराब पीने वाले कोरोना के साफ्ट टारगेट होते हैं। उम्मीद की जा रही है कि कलेक्टर के इस निर्णय से प्रेरणा लेकर मध्य प्रदेश के अन्य जिलों में भी इस तरह के निर्णय हो सकेंगे।