जिस पर पीएम मोदी को अंतिम फैसला लेना है। ताजा अपडेट के मुताबिक पीएम मोदी जल्द इसपर फैसला ले सकते हैं। वहीँ यदि पीएम मोदी का फैसला कर्मचारियों कि मांग के साथ होता है तो देश के 1 करोड़ से अधिक कर्मचारियों को बड़ा लाभ मिलेगा।
पिछले साल अप्रैल में वित्त मंत्रालय ने कोरोना महामारी के कारण 30 जून, 2021 तक महंगाई भत्ते (DA) में वृद्धि पर रोक लगा दी थी। इस साल जुलाई में, सरकार ने 1 जुलाई, 2021 से DA और DR को बढ़ाकर 28 प्रतिशत कर दिया, जिससे केंद्र सरकार के 48 लाख से अधिक कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनभोगियों को लाभ हुआ है। हलाकि बकाये एरियर्स पर सरकार के विभागों द्वारा अपनी राय राकी जा चुकी है, वहीँ विभ्हाग का कहना है कि एरियर्स का भुगतान कर्मचारियों को नहीं किया जायेगा जिसके बाद कर्मचारियों ने मामले में पीएम से गुहार लगाई है।
1 जनवरी 2020 से 30 जून 2021 तक DA की दर 17 फीसदी थी। इस प्रकार केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए क्रमशः कोई डीए और डीआर बकाया जारी नहीं किया गया था। प्रधान मंत्री को लिखे पत्र में बीएमएस ने कहा कि आपसे इस मामले में हस्तक्षेप करने और वित्त मंत्रालय को 1 जनवरी, 2020 से 30 जून, 2021 तक फ्रीज डीए / डीआर को जल्द से जल्द जारी करने का निर्देश देने का आग्रह किया गया है।
बीपीएम ने कहा कि इस अवधि (डीए/डीआर फ्रीज) के दौरान खुदरा मुद्रास्फीति में वृद्धि हुई थी और ऑटो ईंधन, खाद्य तेल और कई दालों की कीमत रिकॉर्ड स्तर तक बढ़ गई थी। बीपीएम ने कहा कि डीए/डीआर के भुगतान का मूल आधार कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को जीवन यापन की लागत में वृद्धि के लिए मुआवजा देना है। जीवन यापन की लागत बढ़ने के बाद, कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को मुआवजे से इनकार करना अनुचित विचार है।
अधिकांश पेंशनभोगियों को उनके बुढ़ापे में चिकित्सा सहायता की आवश्यकता होती है और अब कोरोना के संकट के कारण हर वस्तु की दर कई गुना बढ़ गई है। इसमें उल्लेख किया गया है कि अधिकांश पेंशनभोगी आमने-सामने वित्तीय स्थिति में हैं।