भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। देश में लगी गेहूं निर्यात (wheat export) पर रोक के बाद अब मध्य प्रदेश के बाहर गोदाम में रखे गेहूं (MP Wheat Export) को व्यवस्थित करना सरकार की पहली प्राथमिकता बन गई है। इसके साथ ही बंदरगाह और देश के बाहर गोदाम में रखे गेहूं को व्यवस्थित करने के लिए सरकार द्वारा जल्द ही इस मामले में उच्च स्तरीय बैठक की जाएगी। जिसमें केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल (piyush goyal) से इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे।
बता दें कि मध्यप्रदेश में गेहूं के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए शिवराज सरकार (shivraj government) द्वारा व्यापारियों को मंडी टैक्स में (mandi tax) छूट दिया गया था। वहीं मध्यप्रदेश के गेहूं को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए शिवराज सरकार द्वारा बड़ी तैयारी भी की गई थी। इस दौरान सरकार द्वारा मध्यप्रदेश के गेहूं निर्यात के लिए व्यापारियों को मंडी शुल्क प्रतिपूर्ति का प्रावधान किया गया। साथ ही साढ़े 6 लाख टन गेहूं निर्यात कर चुके व्यापारियों को इसका लाभ भी मिलेगा। लेकिन 17 लाख टन गेहूं का 510 करोड़ रुपए मंडी शुल्क प्रतिपूर्ति का पेंच भी फस गया है। जिसको लेकर जल्दी बड़ी बैठक की जाएगी।
वहीं मंडी बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि निर्यात संबंधी दस्तावेज जमा करने पर प्रकरण की राशि स्वीकृत करके उन्हें उपलब्ध करवाई जाएगी। इधर कृषि मंत्री कमल पटेल का कहना है कि प्रदेश में गेहूं का निर्यात बने। इसके लिए व्यापारियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। फिर 6:30 लाख टन गेहूं का निर्यात किया जा चुका है। बाकी बचे गेहूं का निर्यात किए जाने की दिशा में सरकार अग्रसर है।
केंद्र सरकार से वार्तालाप चल रही । है मध्य प्रदेश के व्यापारियों और किसानों का नुकसान नहीं होने दिया जाएगा। वही जो देश प्राथमिकता से गेहूं की मांग कर रहे हैं। उन्हें मध्य प्रदेश का गेहूं उपलब्ध कराया जाए। इस दिशा में भी कार्य किया जा रहा है। इससे पहले मध्य प्रदेश में व्यापारियों द्वारा 13 मई तक 23 लाख 79 हजार 823 टन गेहूं की खरीदी की गई। जिसमें 6 लाख 68 हजार टन गेहूं का निर्यात किया जा चुका है। 2 लाख टन बंदरगाह पर रखे हुए जबकि 1 लाख 04 हजार टन के गेहूं व्यापारियों द्वारा बंदरगाह पर भेजे गए।
हालांकि 9 लाख 43 हजार 745 टन गेहूं निर्यातक से खरीद कर मध्य प्रदेश के गोदामों में रखा गया है। निर्यात पर बंदिश लगने के बाद अब मध्य प्रदेश सरकार की कोशिश है कि जल्द ही 17 लाख टन गेहूं के निर्यात का रास्ता सुनिश्चित किया जाए। वहीं व्यापारियों द्वारा निर्यात के लिए निर्यातकों से कुछ प्रकरण में अग्रिम भुगतान भी ले लिया गया है। इसकी जानकारी भी राज्य सरकार द्वारा एकत्रित की जा रही है। वहीं मुख्यमंत्री खुद पूरे प्रकरण की जांच कर रहे हैं और इस मामले में जल्दी पीयूष गोयल से भी चर्चा करेंगे।