हरियाणा में पिछले तीन दिन से डॉक्टरों की हड़ताल चर्चा में बनी हुई है। दरअसल डॉक्टरों ने सरकार के सामने कई मांगे रखी थीं। मांगे नहीं मानने पर हड़ताल की चेतावनी दी थी। दो दिनों तक डॉक्टरों ने हड़ताल भी की, जिससे मरीजों को बड़ी परेशानी उठानी पड़ी। हालांकि बीते दिन हरियाणा सरकार ने एस्मा लागू कर दिया था और यह स्पष्ट कर दिया था कि आने वाले 6 महीने तक कोई भी डॉक्टर या स्वास्थ्यकर्मी हड़ताल पर नहीं जा सकेगा। लेकिन इसके बावजूद डॉक्टरों की ओर से 10 तारीख से अनिश्चितकाल तक हड़ताल पर जाने का फैसला किया गया था।
ऐसे में डॉक्टरों की हड़ताल का मुद्दा और बढ़ गया। अब हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने भी इस मामले में बड़ा बयान दिया है। दरअसल CM ने कहा है कि डॉक्टरों की हड़ताल की मुख्य चार मांगे थीं, जिनमें से तीन मांगों को मान लिया गया है। SMO की सीधी भर्ती पर भी रोक लगा दी गई है, लेकिन ACP संरचना में बदलाव पर फिलहाल रोक रहेगी।
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने क्या कहा?
हड़ताल को लेकर मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि CMO की सीधी भर्ती न करने की मांग पर सरकार की ओर से फिलहाल रोक लगा दी गई है। अन्य राज्यों में चल रही व्यवस्थाओं का इस संबंध में अध्ययन किया जा रहा है। जब तक इन राज्यों की रिपोर्ट नहीं आ जाती, तब तक प्रदेश में CMO की सीधी भर्ती पर रोक रहेगी। लेकिन सरकार ने यह साफ कर दिया है कि ACP संरचना में बदलाव की मांग को खारिज किया जा रहा है। दरअसल डॉक्टरों ने सरकार के सामने जो मांगे रखी थीं, उनमें CMO की सीधी भर्ती पर रोक, केंद्र के समान प्रमोशन और ग्रेड पे बढ़ाने की मांग शामिल थी।
8 और 9 दिसंबर को की थी डॉक्टरों ने हडताल
जानकारी दे दें कि 8 और 9 दिसंबर को इन मांगों को लेकर डॉक्टरों ने हड़ताल की थी। इन दोनों ही दिनों प्रदेश में कई जिलों में मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। और सरकार द्वारा मांगे नहीं माने जाने पर डॉक्टरों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल करने का निर्णय लिया था। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने डॉक्टरों को लेकर यह साफ कर दिया है कि उनकी तीन मांगे मान ली गई हैं। इसके अलावा मुख्यमंत्री नायब सैनी ने डॉक्टरों से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार की राजनीति से दूर रहें। CM ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में लगातार सुधार हो रहा है और अब प्रदेश के लोगों का रुझान भी सरकारी स्वास्थ्य सेवा की ओर बढ़ रहा है। ऐसे में डॉक्टरों को राजनीति से दूर रहना चाहिए।
डॉक्टरों की मांग क्या थी?
वहीं दूसरी ओर SMO संगठन द्वारा फिर से चेतावनी दी गई थी कि अगर मांगे नहीं मानी गईं तो 10 दिसंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू होगी। बता दें, डॉक्टर तीन प्रमुख मांगों के लिए हड़ताल कर रहे थे। पहली मांग थी SMO की सीधी भर्ती पर रोक लगाने की थी। डॉक्टर SMO की सीधी भर्ती का विरोध कर रहे थे। डॉक्टरों का कहना था कि विभाग से होने वाला प्रमोशन मिलना चाहिए। दूसरी मांग थी कि केंद्र के समान प्रमोशन दिया जाए। दरअसल मेडिकल एसोसिएशन और सरकार के बीच करियर प्रमोशन पर पेंच फंसा हुआ है। डॉक्टरों का कहना था कि उन्हें केंद्र के समान 4 ACP 4, 9, 13 और 20 साल की सेवा के बाद प्रदान की जानी चाहिए। तीसरी और अंतिम मांग थी कि ग्रेड पे बढ़ाया जाना चाहिए। संगठन तीसरी ग्रेड पे को 9500 करने की मांग कर रहा है, जबकि फिलहाल उन्हें 7600 ग्रेड पे मिलता है।





