केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया गुरुवार को ग्वालियर पहुंचे, जहां उन्होंने फ्लाइट में देरी को लेकर अपना व्यक्तिगत अनुभव साझा किया। अक्सर आम यात्रियों को होने वाली परेशानियों का सामना इस बार खुद मंत्री को भी करना पड़ा। सिंधिया ने बताया कि इंडिगो की उड़ान में देरी के कारण उन्हें दिल्ली एयरपोर्ट पर करीब डेढ़ घंटे तक इंतजार करना पड़ा।
मीडिया से बातचीत के दौरान जब फ्लाइट में देरी का जिक्र आया, तो सिंधिया ने बेहद सहज और हल्के-फुल्के अंदाज में प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “अरे… मैं भी क्या करूं, मैं भी डेढ़ घंटे से दिल्ली एयरपोर्ट पर बैठा था।” उनका कहना था कि वे भी एक यात्री ही हैं और यह समस्या सभी के लिए समान रूप से परेशानी का सबब बनती है।
“मेरा कार्यक्रम बुधवार को ग्वालियर आने का था, लेकिन उड़ान में देरी के कारण मुझे दिल्ली एयरपोर्ट पर करीब डेढ़ घंटे बैठना पड़ा। स्थिति परेशान करने वाली जरूर है।” — ज्योतिरादित्य सिंधिया, केंद्रीय मंत्री
6G तकनीक में भारत की बड़ी तैयारी
ग्वालियर प्रवास के दौरान सिंधिया ने केवल यात्रा के अनुभव ही नहीं साझा किए, बल्कि देश के टेलीकॉम सेक्टर की प्रगति पर भी विस्तार से बात की। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया अब 6G तकनीक की ओर देख रही है और भारत ने भी इसके लिए अपनी कमर कस ली है।
सिंधिया ने जानकारी दी कि भारत ने 6G के लिए एक स्पष्ट रूपरेखा (Roadmap) तैयार कर लिया है। सरकार का लक्ष्य बेहद महत्वाकांक्षी है। उन्होंने बताया कि भारत का प्रयास है कि इस नई तकनीक में देश कम से कम 10 प्रतिशत इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स (IPR) हासिल करे।
हर तीन महीने में होगी समीक्षा
तकनीकी क्षेत्र में भारत की स्थिति को मजबूत बनाए रखने के लिए सरकार सक्रिय है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि 6G से जुड़े प्रयासों और प्रगति की समीक्षा हर तीन महीने में की जाएगी। इससे यह सुनिश्चित होगा कि काम सही दिशा और गति से आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने भारतीय टेलीकॉम मार्केट की ताकत का जिक्र करते हुए कहा कि आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा टेलीकॉम बाजार है। यहाँ ब्रॉडबैंड और कॉलिंग जैसी सुविधाएं दुनिया में सबसे कम लागत पर उपलब्ध हैं, जो देश की डिजिटल क्रांति का आधार है।
अमृतकाल से स्वर्णिम काल की ओर भारत
अपने दौरे के दौरान सिंधिया ने देश के समग्र विकास पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि भारत अब ‘अमृतकाल से स्वर्णिम काल’ की ओर तेजी से बढ़ रहा है। विकास की यह लहर केवल बड़े शहरों तक सीमित नहीं है।
सिंधिया ने कहा, “ग्वालियर से लेकर पूर्वोत्तर तक और अयोध्या से कन्याकुमारी तक विकास और निवेश के नए अवसर बन रहे हैं।” उन्होंने विश्वास जताया कि आने वाले समय में भारत की क्षमता और ताकत विश्व स्तर पर और अधिक स्पष्ट रूप से दिखाई देगी।





