भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के कृषि मंत्री कमल पटेल (Agriculture Minister Kamal Patel) का किसानों (Farmers) को लेकर बड़ा बयान सामने आया है। पटेल ने कहा है कि आने वाले समय में किसान खेती के साथ व्यापार(Trade), व्यवसाय (Business) व उद्योग (Industry) भी स्थापित करेंगे। वही नरवाई से कोयला (Coal) बनाया जाएगा। इसका पायलेट प्रोजेक्ट होशंगाबाद (Pilot Project Hoshangabad) में प्रारंभ होगा। प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना (Prime ownership plan) को भी सभी जिलों में लागू करने की बात कहीं।
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दरअसल, आज कृषि मंत्री कमल पटेल होशंगाबाद (Hoshangabad)के पवारखेड़ा में आयोजित मध्यप्रदेश ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी संघ के प्रांतीय सम्मेलन को संबोधित करने पहुंचे थे,यहां उन्होंने यह बातें कही। मंत्री पटेल ने कहा कि नरवाई से कोयला बनने पर जहाँ एक ओर पर्यावरण(Environment) को प्रदूषित होने से बचाया जा सकेगा, वहीं दूसरी ओर किसानों को आर्थिक लाभ प्राप्त होगा। नरवाई (Narwai जलाने से रोकथाम के लिए विशेष जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि साथ ही फसल अवशेष प्रबंधन में उपयोगी कृषि उपकरणों के प्रयोग को बढ़ावा दिया जाएगा। अर्थव्यवस्था (Economy और देश के विकास के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) के नेतृत्व में किसानों की आय को दोगुना करने के लिए राज्य सरकार (MP Government) द्वारा निरंतर कार्य किए जा रहे हैं।
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कृषि मंत्री पटेल ने कहा कि स्वामीनाथन आयोग (Swaminathan Commission Report की रिपोर्ट को लागू कर किसानों की फसल लागत में 50% लाभ जोड़कर समर्थन मूल्य(MSP) घोषित किया गया है। समर्थन मूल्य पर चना, मसूर और सरसों की उपज प्रतिदिन 25 क्विंटल खरीदे जाने की सीमा को समाप्त कर दिया गया हैं। अब किसान अपनी उपार्जन क्षमता अनुसार अपनी चना, मसूर एवं सरसों की फसल बेच सकेंगे, जिससे किसानों के धन और समय दोनों की बचत होगी।
सभी जिलों में शुरु होगी यह योजना
कृषि मंत्री पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना (Prime ownership plan) के माध्यम से अब किसानों को गाँव की आबादी की भूमि पर मालिकाना हक प्राप्त होगा। योजना को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर हरदा एवं डिंडोरी(Harda and Dindori) जिले में लिया गया है। आने वाले समय में सभी जिलों में योजना का क्रियान्वयन किया जाएगा। योजना के तहत किसान अपनी भूमि पर बैंको(Bank) से विभिन्न व्यवसायिक एवं व्यापारिक प्रयोजन के लिए किफायती ब्याज दर पर ऋण प्राप्त कर सकेंगे। साथी ही व्यापार, व्यवसाय एवं उद्योग स्थापित कर अपनी आलू, प्याज, टमाटर आदि उत्पादों का प्र-संस्करण कर MSP की जगह MRP पर बेच सकेंगे।