Ban on firecrackers on Diwali in Delhi : दिल्ली में इस साल भी दिवाली पर पटाओं पर बैन रहेगा। इसे लेकर दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने पटाखे प्रतिबंधित करने के आदेश दे दिए। सरकार द्वारा पुलिस को भी निर्देश जारी कर कहा गया है कि किसी को भी पटाखों से संबंधित लाइसेंस न दिया जाए। इसे लेकर दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी और कहा कि दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए ये फैसला लिया गया है। बता दें कि पिछले साल भी राजधानी में पटाखों पर बैन था।
पर्यावरण मंत्री ने दी जानकारी
मंत्री गोपाल राय ने कहा कि जैसे जैसे सर्दी का मौसम आता है, दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगता है। अक्टूबर महीने के बाद जैसे जैसे सर्दी बढ़ती है और वातावरण में नमी आती है, वैसे वैसे प्रदूषण का स्तर बढ़ता है। अक्टूबर नवंबर के महीने में दिल्ली की हवा काफी जहरीली हो जाती है। इस पूरे सर्दी के मौसम में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने विंटर एक्शन प्लान बनाने की प्रक्रिया शुरु कर दी है। इसके तहत सभी विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक का सिलसिला शुरु हो रहा है। वहीं प्रदूषण पर नियंत्रण लगाने के लिए इस साल भी पटाखों के उत्पादन, भंडारण और ऑनलाइन व ऑफलाइन बिक्री पर रोक जारी रहेगी।
राजधानी में प्रदूषण कम करने के लिए ‘विंटर एक्शन प्लान’
उन्होने कहा कि दिवाली पर पटाखे चलाने के कारण हमने पहले देखा है कि अगले दिन पूरी दिल्ली को धुएं की चादर तन जाती है और उसमें जब पराली का धुआं मिल जाता है तो प्रदूषण खतरनाक स्तर पर चला जाता है। इसे देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में कहा था कि सिर्फ ग्रीन पटाखों को अनुमति दी जाए। लेकिन देखा गया कि ग्रीन पटाखों की आड़ में सभी तरह के पटाखे जलाए गए। इसके बाद 2020 में एनजीटी ने कहा कि दिल्ली एनसीआर में जहां जहा प्रदूषण की अधिकता है, वहां पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए। इसे ध्यान में रखते हुए 2021 में दिल्ली के अंदर पटाखों के निर्माण और भंडारण पर पूर्ण बैन लगाया था। 2022 में भी दिल्ली में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लागू था। उन्होने कहा कि इस साल दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में लगातार गिरावट हो रही है। लेकिन अभी भी प्रदूषण स्वास्थ्य मानकों के लिए अनुकूल नहीं है इसलिए इस साल भी सरकार ने निर्णय लिया है कि सभी तरह के पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री, ऑनलाइन बिक्री, ऑनलाइन डिलीवरी और जलाने पर पूरी तरह प्रतबंध रहेगा। विंटर एक्शन प्लान के तहत ये बड़ा फैसला लिया गया है।