बीजेपी के 16 सांसदों के कट सकते हैं टिकट, छत्तीसगढ़ के फैसले से हड़कंप

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भोपाल। लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा हाईकमान ने पहले, दूसरे एवं तीसरे चरण के मतदान वाले राज्यों के लिए प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी है। जिसमें पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़, राजस्थान भी शामिल हैं। भाजपा हाईकमान ने छत्तीसगढ़ की पहली सूची में नए चेहरों को मौका दिया है। शेष सीटों पर भी नए चेहरों को उतारने की अटकलें है। हाईकमान के इस फैसले से मप्र के भाजपा सांसदों में हड़कंप मच गया है। क्योंकि हाईकमान करीब 16 मौजूदा सांसदों के टिकट काटने के पक्ष में है। भाजपा हाईकमान विधानसभा चुनाव की हार की समीक्षा के बाद मप्र के लिए यह फैसला लेने जा रहा है। 

जिन सांसदों के टिकट कटना है। पार्टी ने उनकी परफॉर्मेस, क्षेत्रीय एवं जातिगत समीकरणों को आधार बनाया है। जल्द ही मप्र के लिए प्रत्याशी की पहली सूची जारी हो सकती है। मप्र में लोकसभा चुनाव प्रभारी स्वतंत्र देव सिंह की ओर से पिछले हफ्ते हाईकमान को मौजूदा सांसदों से जुड़ी रिपोर्ट भेजी गई थी, जिसमें उन्होंने करीब एक दर्जन से ज्यादा सीटों पर चेहरा बदलने की सिफारिश की। हालांकि उन्होंने रिपोर्ट में संभावित दावेदारों के नाम नहीं भेजे। हाईकमान की ओर से कहा गया है कि जिन सीटों पर टिकट काटा जाना है,उन सीटों पर दावेदारों के नाम तय करें। 

इन सीटों पर बदल सकते हैं चेहरा 

विदिशा, बैतूल, खजुराहो और देवास में नया उम्मीदवार उतारना तय है। क्योंकि विदिशा सांसद सुषमा स्वराज चुनाव लडऩे से इंकार करा चुकी है। बैतूल सांसद का जाति प्रमाण पत्र अमान्य हो चुका है। देवास और खजुराहो सांसद विधायक  बन चुके हैं। इंदौर सांसद सुमित्रा महाजन का इस बार टिकट काटा जा सकता है। उन्हें केंद्र में सरकार आने पर राज्यपाल बनाने का भरोसा देकर लगभग मना लिया गया है। इतना ही नहीं महाजन के खिलाफ इंदौर में भाजापा नेता खुलकर मैदान में है। मुरैना से नरेन्द्र सिंह तोमर चुनाव लड़ सकते हैं। इसके अलावा सागर, बालाघाट, सतना, शहडोल, उज्जैन,  राजगढ़, मंदसौर, धार, सीधी, भिंड सांसदों के टिकट काटे जा सकते हैं। 

दिल्ली में चल रही आखिरी मशक्कत

भोपाल में टिकट चयन के लिए आखिरी मशक्कत चल रही है। जिसमें प्रदेश के लोकसभा प्रभारी स्वतंत्री देव सिंह की रिपोर्ट को अहम माना जा रहा है। जिसमें उन्होंने  चेहरा बदलने की भी सिफारिश की है। उप्र के परिवहन मंत्री स्वदेव देव सिंह पिछले दो महीने से मप्र के सभी जिलों का दौरा कर चुके हैं। जबकि वे मप्र में पिछले एक साल से दौरा कर रहे हैं। उन्होंने ऐसे लोकसभा क्षेत्रों में ज्यादा समय बिताया है, जहां भाजपा संासद के खिलाफ कार्यकर्ता एवं जनता में नाराजगी है। इसके लिए वहां उन्होंने जिला पदाधिकारियों से लेकर मंडल पदाधिकारियों तक से लोकसभा प्रत्याशी को लेकर फीडबैक लिया है। सूत्रों के अनुसार स्वतंत्र देव सिंह ने ऐसे सांसदों की सूची बना ली है, जिनका परफॉर्मेंस खराब है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने स्वतंत्री देव सिंह को इसके लिए स्वतंत्र किया है। खास बात यह है कि सांसदों से जुड़ी रिपोर्ट तैयार करने के लिए वे मप्र भाजपा के किसी भी पदाधिकारी से चर्चा नहीं कर रहे हैं। 

इस वजह से बदले जाएंगे चेहरा 

प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों में से 26 सीटों पर भाजपा का कब्जा है। इनमें से एक दर्जन से ज्यादा सीटों पर प्रत्याशी बदलना लगभग तय हो चुका है। विदिशा सीट से सांसद सुषमा स्वराज ने इस बार चुनाव लडऩे से इंकार कर दिया है। वे पिछले 3 साल से क्षेत्र में देखने तक नहीं आई हैं। उनके खिलाफ पोस्टर भी लग चुके हैं। ऐसे में विदिशा से भाजपा नया चेहरा उतारेगी। इसी तरह खजुराह सांसद नागेन्द्र सिंह विधायक बन चुके हैं, वहां भाजपा नया चेहरा उतारेगी। इसी तरह देवास सांसद मनोहर ऊंटवाल भी विधायक बन चुके हैं। बैतूल सांसद ज्योति धुर्वे का अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र निरस्त हो चुका है। यह सीट अजजा के लिए आरक्षित है। ऐसे में ज्योति का टिकट कटना लगभग तय है। वहीं इंदौर सांसद सुमित्रा महाजन का भी टिकट कट सकता है। मुरैना एवं ग्वालियर सीट पर प्रत्याशियों की अदला-बदली हो सकती है। मुरैना सांसद अनूप मिश्रा भितरवार से विधानसभा चुनाव हार गए थे, उनके खिलाफ मुरैना संसदीय क्षेत्र में नाराजगी है। ऐसे में उन्हें ग्वालियर से टिकट मिल सकता है या टिकट कट सकता है। जबकि ग्वालियर सांसद नरेन्द्र सिंह तोमर एक बार फिर मुरैना से चुनाव लड़ सकते हैं। 


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