कांग्रेस क्यों माँगे माफी! केके मिश्रा ने सीएम डॉ. मोहन यादव से किया सवाल, करप्शन पर घेरते हुए कहा ‘बेहतर होगा कि मंत्री रिश्वत की राशि सार्वजनिक कर दें’

मुख्यमंत्री ने कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी द्वारा मध्य प्रदेश के अधिकारी-कर्मचारियों के लिए दिए गए बयान की निंदा करते हुए उनसे माफी की माँग की है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से अधिकारी कर्मचारियो के लिए भाषा बोली गई है, वो समूचे अधिकारी कर्मचारियों का अपमान है और इसके लिए कांग्रेस को माफी माँगनी चाहिए। लेकिन अब इसपर कांग्रेस नेता केके मिश्रा ने पलटवार किया है।

KK Mishra

Congress questions CM demand for apology : कांग्रेस ने सीएम मोहन यादव से पूछा है कि आख़िर वो माफी क्यों माँगे ? इसी के साथ कहा है कि मध्य प्रदेश में जिस तरह चपरासी, बाबू, पटवारी, तहसीलदार और अपर कलेक्टर तक रिश्वत लेते पकड़े जा रहे हैं..बेहतर यही होगा कि सरकार के मंत्री अपने-अपने विभागों के कार्य के अनुसार रिश्वत की निर्धारित राशि सार्वजनिक कर दें। कांग्रेस नेता केके मिश्रा ने ये बात मुख्यमंत्री द्वारा जीतू पटवारी के अधिकारी-कर्मचारियों को लेकर दिए गए बयान पर माफ़ी माँगने की बात के प्रत्युत्तर में कही है।

दरअसल, जीतू पटवारी के एक बयान पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने निशाना साधते हुए कहा था कि उन्होंने जिस तरह से अधिकारी कर्मचारियो के लिए भाषा बोली है, वो समूचे अधिकारी कर्मचारियों का अपमान है और उन्हें इसके लिए माफ़ी माँगनी चाहिए। इसी के साथ उन्होंने कहा कि सरकार सभी अधिकारी कर्मचारियों के साथ खड़ी है। उनकी निष्ठा उनकी व्यवस्था पर कोई सवाल नहीं उठा सकता है। वो बेख़ौफ़ होकर काम करें।

क्या है मामला 

शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी, अरुण यादव, उमंग सिंघार, आरिफ़ मसूद सहित कई बड़े नेता नर्मदापुरम में किसान न्याय यात्रा में शामिल हुए। यात्रा के तहत इटारसी से होशंगाबाद तक ट्रैक्टर रैली निकाली गई और कांग्रेस ने किसानों की माँगों को लेकर कलेक्ट्रेट पहुँचकर ज्ञापन भी सौंपा। इस दौरान सभा को संबोधित करते हुए जीतू पटवारी ने कलेक्टर पर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि ‘होशंगाबाद का जो कलेक्टर है, ईमानदारी से स्टिंग हो तो पता चलेगा कि कितने पैसों में उसने कलेक्टरी खरीदी है। यहाँ का जो एसपी है, तहसीलदार है, पटवारी है, एसडीएम है..जगह जगह के थानेदार है, अगर देखोगे तो पाओगे कि एक भी अधिकारी कर्मचारी बिना पैसे के जगह नहीं पाता है। ये भारतीय जनता पार्टी की सरकार है।’ इस बयान के बाद सीएम डॉ मोहन यादव ने आलोचना करते हुए कांग्रेस से अधिकारी कर्मचारियों से माफ़ी माँगने की माँग की थी।

कांग्रेस का मुख्यमंत्री पर पलटवार

इसे लेकर अब जीतू पटवारी के मीडिया सलाहकार केके मिश्रा ने एक्स पर लिखा है कि ‘मुख्यमंत्री मान. मोहन यादव जी. कांग्रेस माफ़ी क्यों मांगे। क्या यह ग़लत है कि ज़िलों-संभागों में स्थानांतरण/पद स्थापनायें अधिकारियों/कर्मचारियों की योग्यताओं के अनुसार हो रही है..(संघ-पैसा)। क्या यह भी ग़लत है कि अभी कुछ दिनों पूर्व पदेश के प्रशासनिक गलियारे की एक महिला IAS पर गंभीर उक्त विषयक गंभीर आरोप लगे थे। क्या यह भी ग़लत है कि प्रदेश में चपरासी, बाबू, पटवारी, तहसीलदारों के बाद अब तो “अपर कलेक्टर” भी अपने दफ़्तर में रिश्वत लेते रंगेहाथों पकड़ाये जा रहे हैं।बेचारे (?) देकर आये हैं तो लेंगे किससे। बेहतर तो यही होगा की सरकार के मंत्रीगण अपने-अपने विभागों की कार्य के अनुसार रिश्वत की निर्धारित राशि सार्वजनिक कर दें।’

उन्होंने कहा कि ‘मुख्यमंत्री जी, आप नाहक ही परेशान हो जाते हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मान. जीतू पटवारी जी तो “जन आवाज़” के रूप में सामने आये हैं,उनके आरोप पर विचलित मत होइए, “देश नहीं बिकने दूंगा-ना खाऊँगा,ना खाने दूंगा” कहने वाले कपूत जब बाप-दादाओं की 70  सालों की कमाई पूंजी/संपत्ति बेचकर खा रहे हैं, वे “भ्रष्टाचार का “भ” भी नहीं बोल रहे तो आप ग़ुस्सा क्यों हो जाते हैं’।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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