भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया पर कांग्रेस नेताओं के खिलाफ फर्जी प्रचार के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद को पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होने कांग्रेस नेताओं के खिलाफ फैलाई जा रही भ्रामक जानकारियों और प्रचार पर कार्रवाई की जाने की मांग की है।
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दिग्विजय सिंह न इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, उसके सदस्यों व उसके नेताओं के खिलाफ ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर फर्जी प्रचार के खिलाफ कार्रवाई किए जाने के संबंध में पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने लिखा है कि “कुछ दिन पहले मैंने टीवी न्यूज चैनलों पर आपके बयान देखे जिनमें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर ने आपके ट्विटर अकाउंट को कुछ घंटों के लिए ब्लॉक कर दिया था। आपने इसके खिलाफ एक आक्रामक रुख अपनाया था और यह स्पष्ट कर दिया था कि ट्विटर सहित सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को भारत में लागू कानूनों के अनुसार ही अपने प्लेटफॉर्म को संचालित करना होगा। मैं मानता हूं कि जो कोई भी भारत में रह रहा है या यहां किसी भी प्रकार का व्यवसाय कर रहा है उसे देश के कानून का पालन करना होगा और किसी प्रकार की रियायत की कोई गुंजाइश भी नहीं होना चाहिए। अब जब ट्विटर ने एक फर्जी पोस्ट करने के लिए भाजपा प्रवक्ता के खिलाफ कार्रवाई की है, तो आपको आईटी अधिनियम के प्रावधानों को लागू करने की आवश्यकता का एहसास हुआ है।
आगे उन्होने लिखा है कि “मैंने यह भी देखा है कि भारतीय जनता पार्टी से जुड़े प्रभावशाली लोगों के कुछ ट्विटर अकाउंट अस्थायी रूप से ब्लॉक कर दिए गए थे जिन्होंने ट्विटर की नीति का उल्लंघन किया था। इस संदर्भ में भारत सरकार ने बहुत कड़ा रुख तभी अपनाया जब ट्विटर द्वारा उनकी नीति का उल्लंघन करने वाले ट्विटर एकाउंटस के खिलाफ इतनी कड़ी कार्यवाही की गई। लेकिन अभी तक भारत सरकार और आपके मंत्रालय ने ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया अकाउंट पर कांग्रेस नेताओं के खिलाफ सभी अपमानजनक और फर्जी पोस्टों से आंखें मूंद रखी थीं। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि एक पूर्व नियोजित रणनीति के तहत विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, उसके सदस्यों और नेताओं की छवि खराब की जा रही है। कांग्रेस की ओर से फर्जी और अपमानजनक पोस्ट के खिलाफ ऐसी सभी शिकायतों का कोई जवाब नहीं दिया जा रहा है।”
इस पत्र में उन्होने लिखा है कि “मैं आपके ध्यान में लाना चाहता हूं कि 12 जून 2021 को ट्विटर पर क्लब हाउस लीक्स (@leaksclubhouse) के नाम से एक ट्विटर अकाउंट बनाया गया था। उसी तारीख को, 04:03 AM IST पर, एक ट्वीट पोस्ट किया गया था। उस ट्वीट में क्लब हाउस ऐप पर ऑडियो मीटिंग का एक ऑडियो क्लिप, जिसमें मैं भी सदस्य था, संलग्न था। जिसमे मेरे कथन के संदर्भ और ऑडियो डेटा को बदल दिया गया और संपादित किया कर मुझे बदनाम करने के एकमात्र इरादे से उक्त ट्विटर एकाउंट पर पोस्ट किया गया। इससे ठीक पहले, एक ट्वीट 03:00 AM IST पर पोस्ट किया गया था जिसमें कहा गया था कि, “हम कॉपी एडिटिंग के बाद जल्द ही पोस्ट करेंगे।” इस प्रकार, उक्त पोस्ट से यह स्पष्ट है कि मेरी दिनांक 15 मई 2021 की ऑडियो मीटिंग की सामग्री को एडिट कर बदल दिया गया और फिर मुझे बदनाम करने और मेरी छवि धूमिल करने की मंशा के साथ ट्विटर पर पोस्ट किया गया।”
पूर्व मुख्यमंत्री ने बताया कि “17 जून को उक्त अकाउंट से एक और ट्वीट किया गया। उक्त ट्वीट ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को “भारत विरोधी कांग्रेस” कहा और लोगों को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के बारे में “आंतरिक जानकारी” लीक करने के लिए उकसाया। यानि ऐसी फर्जी जानकारी जिससे कांग्रेस की छवि को ठेस पहुंचाई जा सके। उन्होंने लिखा कि उपरोक्त का सत्यापन केवल https://twitter.com/LeaksClubhouse पर उपलब्ध ट्विटर हैंडल क्लब हाउस लीक (@leaksclubhouse) के प्रोफाइल पर जाकर और उक्त अकाउंट की पोस्ट का निरीक्षण करके किया जा सकता है। यह सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 72ए का स्पष्ट उल्लंघन है। इसके अलावा, ऐसी सामग्री बनाने, संपादित करने, बदलने और पोस्ट करने की कार्रवाई भी सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 66 के साथ धारा 43 (ए), (बी) और (आई) के तहत एक अपराध है।ठ
दिग्विजय सिंह ने रविशंकर प्रसाद को सर्वोच्च ख्याति प्राप्त अधिवक्ता बताते हुए कहा कि “आप आईटी अधिनियम, 2000 के उल्लंघनों की गंभीरता को समझते हुए सहमत होंगे, विशेष रूप से ट्विटर हैंडल क्लबहाउस लीक्स (@leaksclubhouse) द्वारा किए गए अपराध से, जब उन्होंने क्लबहाउस ऐप से डेटा चुराकर एडिट करके पोस्ट किया। आप इसी तरह के विभिन्न मुद्दों पर आक्रामक और उनसे निपटने में बहुत स्पष्ट और सक्रिय रहे हैं। इसलिये मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए एक स्पष्ट दिशा निर्देश दें कि दोषियों के खिलाफ जांच कर मुकदमा चलाया जा सके।” दिग्विजय सिंह ने अंत मे केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद को पुनःअनुरोध करते हुए लिखा कि वे ट्विटर सहित सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के ऐसे सभी खातों को ब्लॉक करने का निर्देश दें, जिनका उपयोग प्रतिष्ठित लोगों को बदनाम करने के लिए किया जा रहा है।