ग्वालियर। कांग्रेस सेवादल द्वारा भोपाल में पिछले दिनों वीर सावरकर को लेकर बांटी गई किताब “वीर सावरकर कितने वीर” का विवाद न्यायालय तक पहुंच गया है। ग्वालियर हाईकोर्ट के एडवोकेट ने इस मामले में कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस सेवादल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालजी देसाई और मध्य प्रदेश के डीजीपी को कानूनी नोटिस भेजा है।
ग्वालियर हाईकोर्ट के एडवोकेट अवधेश सिंह तोमर ने किताब की सामग्री को विवादित बताते हुए कानूनी नोटिस में कहा है कि “वीर सावरकर कितने वीर” किताब में वीर सावरकर और आरएसएस के रिश्तों को गलत तरीके से पब्लिश किया गया है जिससे जनमानस में विद्रोह की भावना पैदा हो रही है ऐसे में इस साहित्य को तुरंत बांटने से रोका जाए साथ ही जो साहित्य बट चुका है उसे तुरंत जब्त किया जाए। इसके साथ यह भी कहा गया है कि कांग्रेस सेवादल के अध्यक्ष और पब्लिकेशन पर भी मामला दर्ज किया जाए। नोटिस में कहा गया है कि किताब के माध्यम से जनमानस में विद्रोह की भावना विशेष रूप से हिंदू समाज के प्रति अभद्र टिप्पणी कर उक्त दोनों ही राष्ट्रभक्त एवं राष्ट्रहित संस्था को बदनाम करने की कोशिश की गई है। बिना तथ्य व सत्य तथा आधार के जिस प्रकार से कांग्रेस सेवादल द्वारा अपने वैचारिक लेख में अभद्र टिप्पणियां की गई हैं वह न सिर्फ जनमानस में द्वेष की भावना फैला रही है अपितु इससे सामाजिक तौर पर देश में तथा प्रदेश में माइनॉरिटी एवं मेजॉरिटी के बीच वैमनस्यता फैलाने की साजिश है। एडवोकेट तोमर ने कहा कि अगर 15 दिन में नोटिस का जवाब नहीं आता है, तो हाइकोर्ट की ग्वालियर बेंच में इस मामले को लेकर जनहित याचिका दायर की जाएंगी।