भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश में केंद्रीय कर्मचारियों के समान महंगाई भत्ते (7th pay commission) की मांग दिनों दिन तेज होती जा रही है। 28 फीसदी डीए की मांग (DA Hike) को लेकर कर्मचारियों में रोष बढ़ता ही जा रहा है और वे शिवराज सरकार को चेतावनी दे रहे है। प्रदर्शन-धरने के बाद आज बुधवार मप्र अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा (MP Government Employee) ने बड़ी बैठक बुलाई है, जिसमें आगे की रणनीति तैयार की जाएगी।
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दरअसल, हाल ही में केंद्र की मोदी सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों (central employees) का 28 फीसदी डीए और डीआर में बढ़ोतरी की है, जिसके बाद से ही मध्य प्रदेश समेत अन्य राज्यों में डीए की मांग तेजी से उठ रही है। कई राज्यों ने डीए बढ़ाने का ऐलान कर दिया है, लेकिन मध्य प्रदेश के कर्मचारियों को लेकर अबतक कोई फैसला नहीं लिया गया है, जिसके चलते कर्मचारियों में आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है।
कर्मचारियों का कहना है कि बीते दिनों संयुक्त मोर्चा द्वारा जुलाई में तीन चरणों में आंदोलन किया था, जिसमें 29 जुलाई को प्रमुख मांगें जैसे 16% महंगाई भत्ता, वेतन वृद्धि एवं पदोन्नति आदि को लेकर प्रभावी रूप से सामूहिक अवकाश लेकर आंदोलन किया था और 30 को अनिश्चितकालीन हड़ताल की जानी थी, लेकिन इसके पहले ही सरकार ने वेतन वृद्धि का तो आदेश जारी कर दिया, लेकिन एरियर्स भुगतान व अन्य मांगों पर निर्णय नहीं लिया है।जिसके चलते कर्मचारियों की नाराजगी बढ़ रही है।
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DA/DR और प्रमोशन की मांग को लेकर मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने आज 8 सितंबर को प्रदेश स्तरीय मीटिंग बुलाई है, जिसमें आगे के आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी। वहीं प्रदेश के कर्मचारी सरकार (shivraj government) से अपनी मांगों को पूरा करने की मांग करेंगे। वहीं अगर ऐसा नहीं होता है तो एक बार फिर से प्रदेश के सरकारी दफ्तरों में तालाबंदी कर इस गंभीर मुद्दे से अवगत कराने के लिए प्रदेश में एक बार फिर से आंदोलन किया जाएगा।
ये है प्रमुख मांगे
- 1 जुलाई 2020 एवं 1 जुलाई 2021 की वेतन वृद्धि में एरियर की राशि का भुगतान किया जाए।
- प्रदेश के अधिकारी-कर्मचारियों और पेंशनरों को केंद्र के समान केंद्रीय तिथि से 16% प्रतिशत महंगाई भत्ता का भुगतान किया जाए।
- अधिकारी-कर्मचारियों के प्रमोशन की प्रोसेस जल्द शुरू हो।
- गृह भाड़ा भत्ता केंद्रीय कर्मचारियों की तरह मप्र के अधिकारी-कर्मचारियों को भी दिया जाए।