भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (MP) के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव (Dr. Mohan Yadav) का बड़ा बयान सामने आया है।मोहन यादव ने कहा कि उच्च शिक्षा विभाग (Higher Education Department) द्वारा विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और बेहतर सुविधाएँ प्रदान करने के लिये सतत रूप से समीक्षा की जा रही है। रणनीति बनाकर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार किये जा रहे हैं। महाविद्यालयों के विकास के लिये जन-भागीदारी मद से 50 लाख से बढ़ाकर एक करोड़ रुपये की राशि खर्च करने की सीमा तय की जा रही है।
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दरअसल, मार्च 2021 में राज्य की शिवराज सरकार (Shivraj Government) ने अपने कार्यकाल का एक साल पूरा कर लिया है। इस उपलक्ष्य में हर विभाग द्वारा अपनी उपलब्धियां और भविष्य में होने वाले कार्यों के बारे में जानकारी दी जा रही है। इसी कड़ी में मंत्री मोहन यादन ने उच्च शिक्षा विभाग के बारे में कहा कि ओपन बुक प्रणाली(Open book system) से स्नातक एवं स्नातकोत्तर कक्षाओं की परीक्षाएँ (UG-PG Exam 2021) आयोजित कराने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य बना। बाद में इसका अनुसरण पश्चिम बंगाल (West Bengal) सहित देश के अन्य राज्यों ने भी किया।
इतना ही नहीं मोहन यादव ने कहा कि इस मद में दान करने वाले व्यक्तियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। यदि कोई दानदाता 5 लाख रुपये या इससे अधिक राशि दान करता है, तो उसे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) सम्मानित करेंगे। उच्च शिक्षा संचालनालय एवं महाविद्यालयों (College) के लिये एकीकृत पोर्टल, शिक्षण, प्रशिक्षण नीति का निर्माण, 52 महाविद्यालयों के लिये ए-ग्रेड एवं 20 महाविद्यालयों के लिये ए-प्लस ग्रेड तथा उच्च शिक्षा संस्थानों को NIRF की प्रथम 100 संस्थाओं में सम्मिलित करने के प्रयास जारी हैं।
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मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National education policy) लागू करने के लिये साहित्य, विज्ञान, उद्योग, वाणिज्य, कृषि (Agriculture) आदि क्षेत्रों के विशेषज्ञों से सुझाव लिये गये हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की इच्छानुसार जुलाई-2021 से नीति लागू करने वाला MP देश का पहला राज्य होगा।शासकीय महाविद्यालयों (Government College) एवं विश्वविद्यालयों में कृषि, उद्यानिकी, पशु चिकित्सा एवं पर्यटन के पाठ्यक्रम तथा माँग अनुसार उपयोगी सर्टिफिकेट और डिप्लोमा पाठ्यक्रम प्रारंभ करने की कार्यवाही जारी है।
मोहन यादव ने बताया कि प्रदेश के 200 शासकीय महाविद्यालयों में वर्चुअल लर्निंग एवं स्मार्ट क्लॉस-रूम की सुविधा और 100 उच्च शिक्षण संस्थाओं में सूचना तकनीक अधोसंरचना को सुदृढ़ बनाया जा रहा है। महाविद्यालय, संकाय तथा पदों का युक्ति-युक्तकरण और विभागीय अधिकारी-कर्मचारियों के लिये ऑनलाइन (ONLINE) अजाँच प्रमाण-पत्र की व्यवस्था के अलावा ऑनलाइन लर्निंग मैनेजमेंट एवं ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट सिस्टम (Online Learning Management and Human Resource Management System) का विकास किया गया। पेंशन प्रकरणों को स्वीकृत करने के अधिकार महाविद्यालयों के प्राचार्यों को दिये गये।
उच्च शिक्षा विभाग के एक साल का ब्यौरा
- एक साल में 44 नवीन अशासकीय महाविद्यालय एवं 4 नवीन निजी विश्वविद्यालय प्रारंभ करने की अनुमति दी गई है।
- आदर्श प्रयोगशाला उन्नयन के लिये 263 लाख की राशि से 18 महाविद्यालय तथा पुस्तकालय विकास के अंतर्गत 192 लाख की राशि से 25 महाविद्यालयों को उन्नत किया गया है।
- महाविद्यालय विकास योजनाओं के अधीन 96 करोड़ रुपये की राशि से चल रहे 117 कार्यों में से 14 भवनों का कार्य पूर्ण किया गया है।
- विद्यार्थियों को ऑनलाइन कक्षाओं (Online Classes) की संचालन व्यवस्था के अंतर्गत यू-ट्यूब के माध्यम से 1200 से अधिक पाठ्यक्रम आधारित ऑडियो और वीडियो व्याख्यान उपलब्ध कराये गये।
- ऑनलाइन प्रवेश (Online Admission) प्रक्रिया के माध्यम से स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर पर करीब 14 लाख 58 हजार विद्यार्थी लाभान्वित हुए। ओपन-बुक परीक्षा प्रणाली के माध्यम से 18 लाख परीक्षार्थी सम्मिलित हुए।
- स्वामी विवेकानंद कॅरियर मार्गदर्शन योजना में अल्पावधि रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण का लाभ शासकीय महाविद्यालयों के करीब 19 हजार विद्यार्थियों ने लिया।
- विश्व बैंक (World Bank0 परियोजना से 260 करोड़ रूपये की राशि से 20 भवनों का निर्माण पूरा किया गया। रूसा, विश्व बैंक परियोजना एवं राज्य मद से निर्मित 29 महाविद्यालयों के भवनों का लोकार्पण हुआ।
- इन महाविद्यालय भवनों में आवश्यक सुविधाओं के लिये 767 करोड़ रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई। राज्य शासन (MP Government) की मद से 9 महाविद्यालयों के भवन निर्माण, 73 महाविद्यालयों में 600 अध्ययन कक्ष और 45 नवीन भवनों के निर्माण के लिये 206 करोड़ की राशि का प्रावधान किया गया।
- विद्यार्थियों को रोजगारोन्मुखी(Employment) प्रोत्साहन देने के लिये 136 महाविद्यालयों में गुणवत्ता अध्ययन केन्द्र की स्थापना के लिये उच्च शिक्षा विभाग और मध्यप्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय के मध्य MOU किया गया।
- मध्यप्रदेश नॉलेज कॉर्पोरेशन तथा विश्वविद्यालयों में उत्कृष्टता केन्द्र एवं इन्क्यूबेशन सेंटर की स्थापना की गई।