MCU के दीक्षांत समारोह में लंच के लिए पूर्व स्टूडेंट्स से वसूला जा रहा है चंदा, लूटेरों ने विवि को गरीब बना दिया: रवि परमार

MP News: एशिया का पहला पत्रकारिता विश्वविद्यालय माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय (MCU) एक बार फिर सुर्खियों में है। एमसीयू द्वारा नवनिर्मित विशनखेड़ी परिसर में 15 सितंबर को चतुर्थ दीक्षांत समारोह का आयोजन होगा। देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे। अब छात्र संगठन NSUI के नेता रवि परमार ने उपराष्ट्रपति धनखड़ को पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में लिखा, “दीक्षांत समारोह (MCU convocation) में शामिल होने के लिए घर से अपना भोजन (लंचबॉक्स) लेकर आएं। छात्र नेता रवि परमार ने उपराष्ट्रपति से यह भी मांग की है कि पूर्व स्टूडेंट्स के भोजन की व्यवस्था के लिए यूनिवर्सिटी को तीन लाख रुपए डोनेशन भी दें।”

MCU के दीक्षांत समारोह में लंच के लिए पूर्व स्टूडेंट्स से वसूला जा रहा है चंदा, लूटेरों ने विवि को गरीब बना दिया: रवि परमार

क्या है मामला?

दरअसल, दीक्षांत समारोह को लेकर विश्वविद्यालय के कुलसचिव (रजिस्ट्रार) द्वारा एक अधिसूचना जारी कर पूर्व स्टूडेंट्स से 600 रुपए की राशि मांगी गई है। विश्वविद्यालय के कुलसचिव का तर्क है कि 600 रूपए में छात्र-छात्राओं को अंगवस्त्रम् एवं दोपहर का भोजन करवाया जाएगा। एनएसयूआई के रवि परमार ने इस अधिसूचना के विरोध में उपराष्ट्रपति को पत्र लिखा है और कहा कि विश्वविद्यालय के कोष में छात्र-छात्राओं के अंगवस्त्रम् और भोजन के लिए भी राशि नहीं हैं।”

MCU के दीक्षांत समारोह में लंच के लिए पूर्व स्टूडेंट्स से वसूला जा रहा है चंदा, लूटेरों ने विवि को गरीब बना दिया: रवि परमार

पूर्ववर्ती कुलपति के घोटालों को लेकर NSUI नेता ने कही ये बात 

उपराष्ट्रपति को संबोधित पत्र में रवि परमार ने लिखा है कि, “हाल के वर्षों से तक विवि के कोष में सैंकड़ों करोड़ रुपए जमा थे। लेकिन कतिपय लोगों ने विश्वविद्यालय को लूटने में कोई कसर नहीं छोड़ी। एक पूर्ववर्ती कुलपति ने तो यूनिवर्सिटी के रुपयों को भोग-विलास में खर्च किया, जिसकी ईओडब्ल्यू में जांच भी कर रही है। वर्तमान में भी यही स्थिति है और हमें पूर्ण विश्वास है कि तीन महीने बाद जब कांग्रेस सरकार आएगी तो मौजूदा कुलपति के घोटालों के कारनामें भी उजागर होंगे।’

विवि के पास भोजन की व्यवस्था करने के लिए फंड की कमी- परमार ने कहा

परमार ने उपराष्ट्रपति से कहा कि, “पूर्व स्टूडेंट्स के अंगवस्त्रम् और भोजन में लगभग 3 लाख रुपए की राशि खर्च होगी। विश्वविद्यालय को दीक्षांत समारोह में अंगवस्त्रम् और भोजन कि व्यवस्था करने के लिए आवश्यक राशि स्वीकृत करें। ताकि विवि को अपने पूर्व स्टूडेंट्स से चंदा मांगने की नौबत न आए। साथ ही आप भी अपने दोपहर का भोजन (लंचबॉक्स) भी साथ लेकर आएं। क्योंकि विश्वविद्यालय के पास भोजन की व्यवस्था करने के लिए फंड की अत्यधिक कमी है।”

आगे परमार ने लिखा, “इससे न सिर्फ माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की छवि खराब होने से बचेगी, बल्कि महान स्वतंत्रता सेनानी एवं कांग्रेस नेता माखनलाल चतुर्वेदी जी के नाम पर बने इस विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र-छात्राओं को भी अपने संस्थान पर गर्व होगा।”

 


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Manisha Kumari Pandey

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पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है। अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"

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