नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। कोरोना से छाइ बदहाली के बीच ऑपरेशन ऑक्सीजन (operation oxygen) को तेज किया जा रहा है। ऑपरेशन ऑक्सीजन का उद्देश्य है देश में ज़्यादा से ज़्यादा कोरोना मरीजों (corona patients) को ऑक्सीजन (oxygen) की उपलब्धता तय करवाना। सरकार ने अब इस ऑपरेशन में सेना को भी शामिल कर किया है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी (prime minister modi) ने इसी सिलसिले में देश के बड़े उद्योगपतियों (industrialist) और ऑक्सीजन उत्पादकों के साथ वर्चुअल बैठक भी की। अब देश में ऑक्सीजन की आवाजाही पहले से काफी सुलभ ढंग से हो पाएगी।
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प्रधानमंत्री और ऑक्सीजन उत्पादकों के बीच हुई बैठक में पीएम ने सभी ऑक्सीजन उत्पादकों से उत्पादन बढाने का आग्रह किया। उन्होंने उत्पादकों से ऑक्सीजन बनाने की पूरी क्षमता को आजमाने के लिए कहा। इसी के साथ गृह मंत्री अमित शाह ने सभी राज्यों को पत्र लिखकर ऑक्सीजन सप्लाई चेन में किसी भी प्रकार की बाधा न आने की बात लिखी। बैठक के दौरान पीएम ने जताया कि आने वाले समय में ऑक्सीजन की मांग और अधिक बढ़ सकती है जिसे पूरा करने में उद्योग जगत से काफी मदद मिल सकती है। ऑक्सीजन के साथ साथ ऑक्सीजन सिलेंडर के निर्माण में भी तेजी लाने की बात प्रधानमंत्री ने की। पीएम ने दूसरे गैस के लिए इस्तेमाल होने वाले सिलेंडरों को भी ऑक्सीजन सप्लाई के लिए इस्तेमाल करने को कहा।
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इसी सिलसिले में पीएम ने आगे कहा कि इस समय हमें सिर्फ चुनौतियों से लड़ना नहीं है बल्कि कम समय में इसका समाधान भी निकलना है। इसके लिए अगर सरकार और ऑक्सीजन उत्पादक कदम से कदम मिलाकर चलें तो ये आसानी से संभव है। उन्होंने सरकार के आग्रह पर पिछले कुछ दिनों से ऑक्सीजन उत्पादन में बढ़ोतरी के लिए उद्योग जगत का शुक्रिया भी अदा किया। इसी के साथ केंद्र सरकार के निर्देश पर वायु सेना के दो विमान क्रायोजेनिक ऑक्सीजन कंटेनर्स पहुंचाने का काम शुरू कर चुके हैं।