भोपाल। ग्वालियर सांसद एवं केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के इस बार मुरैना लोकसभा से चुनाव मैदान में उतरने की संभावना है। इस बीच उनके राजनीतिक विरोधियों ने तोमर का रास्ता रोकने के लिए राजनीतिक विसात बिछाना शुरू कर दिया है। खबर है कि भिंड से 5 बार भाजपा सांसद रहे रामलखन सिंह इस बार मुरैना से बसपा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतर रहे हैं। इसे तोमर की घेराबंदी से जोड़कर देखा जा रहा है।
भाजपा चुनाव समिति ने नरेन्द्र सिंह तोमर का नाम ग्वालियर एवं मुरैना दोनों लोकसभा सीटों के पैनल में रखा है। तोमर के चुनाव क्षेत्र का फैसला पार्टी हाईकमान को करना है, लेकिन इससे पहले तोमर के मुरैना से चुनाव लडऩे की प्रवल संभावना बताई जा रही है, क्योंकि तोमर 2009 में मुरैना से पहली बार सांसद चुने गए थे। अब वे फिर से मुरैना लौटने की तैयारी कर रहे हैं। तोमर का टिकट अभी तय नहीं हुआ है, लेकिन उनके राजनीतिक विरोधी जरूर गोटियां फिट करने में जुट गए हैं। दरअसल, मुरैना लोकसभा सीट क्षत्रिय बाहुल्य है। रामलखन के चुनाव मैदान में उतरने से क्षत्रिय वोट बंटेगा। पिछले विधानसभा चुनाव में रामलखन सिंह के बेटे संजीव सिंह कुशवाह चुनाव जीतकर आए हैं।
गोविंद के खिलाफ उतरे थे क्षत्रिय नेता
पिछले लोकसभा चुनाव में मुरैना लोकसभा सीट से कांग्रेस ने लहार विधायक डॉ गोविंद सिंह को प्रत्याशी बनाया था। जब कांग्रेस नेताओं के समर्थक रहे वृंदावन सिंह सिकरवार बसपा के टिकट पर चुनाव मैदान आए गए थे। जिस वजह से मुरैना लोकसभा क्षेत्र का क्षत्रिय वोट बंट गया था। ऐसी स्थिति में भाजपा प्रत्याशी अनूप मिश्रा के लिए राहत हो रही। यही स्थिति यह बार फिर मुरैना में बन रही है।