भोपाल।
लाख कोशिशों के बाद भी रिजल्ट में सुधार ना होने पर स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कड़ा रवैया अपनाया है। चौधरी ने साफ शब्दों में कहा कि इस बार बोर्ड परीक्षा में अच्छा रिजल्ट लाने की जिम्मेदारी जितनी बच्चों की है, उतनी ही जिम्मेदारी शिक्षकों की भी होगी। अगर बच्चों का रिजल्ट खराब हुआ तो इसके लिए शिक्षक भी जिम्मेदार होंगे।चौधरी के इस बयान के बाद शिक्षकों में हलचल मच गई है।
दरअसल, शुक्रवार स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने स्कूल शिक्षा की व्यवस्थाओं, नवाचारों और गुणवत्ता के प्रयासों की समीक्षा की। जिसमें उन्होंने कहा कि इस बार बोर्ड परीक्षा में अच्छा रिजल्ट लाने की जिम्मेदारी जितनी बच्चों की है, उतनी ही जिम्मेदारी शिक्षकों की भी होगी। बोर्ड परीक्षा के परिणामों के लिए शिक्षक जिम्मेदार होंगे। डॉ. चौधरी ने शिक्षकों से कहा कि राज्य सरकार ने आपके हितों का पूरा ध्यान रखा है। शिक्षकों को ऑनलाइन मनचाही पोस्टिंग दी गई, सातवां वेतनमान दिया गया और स्कूलों में सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए गए। अब शिक्षकों के लिए अपनी योग्यता का प्रदर्शन करने का सही समय आ गया है।
इस दौरान 5वीं और 8वीं की बोर्ड परीक्षा के बेहतर रिजल्ट के लिए जिलेवार लक्ष्य निर्धारित किए गए। विभागीय अधिकारियों को इन लक्ष्यों को परिणाम तक पहुंचाने की जिम्मेदारी दी गई। डॉ. चौधरी ने निर्देश दिए कि कक्षा एक से चौथी तक तथा कक्षा 6वीं और 7वीं के वार्षिक मूल्यांकन के लिए शिक्षक पाठ्क्रम पूरा करें। बच्चों के होमवर्क और अभ्यास पुस्तिकाओं की व्यापक स्तर पर जाँच करें। बैठक में पूर्व चयनित शालाओं द्वारा तैयार की गई कार्य योजना की गुणवत्ता और उपयोग की भी समीक्षा की गई।