उमंग सिंघार ने भारत रत्न को लेकर केंद्र सरकार पर साधा निशाना, कहा ‘भारत रत्न अब “मोदी” रत्न बन गया है’

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार लोकसभा चुनाव में राज्यों में अपने जातिगत समीकरण और वोटों को साधने के लिए भारत रत्न जैसे सर्वोच्च नागरिक सम्मान का भी राजनीतिकरण करने से बाज नहीं आ रही। उन्होने कहा कि सरकार 'भारत रत्न' का "मोदीकरण" न करे।

Umang Singhar

Umang Singhar accused Modi government regarding Bharat Ratna : उमंग सिंघार ने कहा है कि ‘भारत रत्न अब “मोदी” रत्न बन गया है।’ उन्होने केंद्र पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार लोकसभा चुनावों में वोट साधने के लिए भारत रत्न जैसे सर्वोच्च नागरिक सम्मान का भी राजनीतिकरण करने से बाज नहीं आ रही है। इसी के साथ उन्होने कहा कि सरकार ‘भारत रत्न’ का “मोदीकरण” न करे। बता दें कि भारत सरकार ने एक दिन पहले ही पूर्व प्रधानमंत्री  पीवी नरसिम्हा राव, पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह और डॉ एमएस स्वामीनाथन को सर्वोच्च सम्मान “भारत रत्न” से सम्मानित करने की घोषणा की है।

उमंग सिंघार ने मोदी सरकार पर लगाया आरोप

नेता प्रतिपक्ष ने एक्स पर लिखा है कि “भारत रत्न नहीं..अब ये “मोदी” रत्न बन गया है। केंद्र की मोदी सरकार लोकसभा चुनाव में राज्यों में अपने जातिगत समीकरण और वोटों को साधने के लिए भारत रत्न जैसे सर्वोच्च नागरिक सम्मान का भी राजनीतिकरण करने से बाज नहीं आ रही। इस बार राज्यों को लुभाने के लिए इसमें भी पेंच लगाया गया। सबसे पहले तो बिहार को साधने के लिए समाजवादी नेता स्व कर्पूरी ठाकुर को ‘भारत रत्न’ देने की घोषणा की गई! फिर अपनी ही पार्टी में दबी चिंगारी को ठंडी करने के लिए लालकृष्ण आडवाणी भी ‘भारत रत्न’ दिया गया। इसके बाद आंध्र प्रदेश में वोटों की राजनीति के लिए पीवी नरसिम्हा राव, उत्तर प्रदेश के जाट बेल्ट को साधने के लिए चौधरी चरण सिंह और दक्षिणी राज्य तमिलनाडू में वोट कबाड़ने के लिए डॉ स्वामीनाथन को ‘भारत रत्न’ देने का एलान हुआ!”

कहा ‘वोट साधने की कोशिश’

उन्होने लिखा है कि “सबको समझ आ रहा है कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले इन सम्मानों की घोषणा का क्या कारण है!… सिर्फ राजनीतिक स्वार्थ और कुछ नहीं! नियम के अनुसार ये एक साल में सिर्फ़ तीन विभूतियों को ही ये सम्मान दिया जा सकता है। पर भाजपा सरकार अपने आप को नियम, क़ानून, संविधान, देश, सम्मान सब के ऊपर समझती है। मोदी सरकार यदि वास्तव में इन विभूतियों का सम्मान करना चाहती है, तो उनके कार्यों और विचारों का अनुसरण करे! ‘भारत रत्न’ का “मोदीकरण” न करे।” बता दें कि एक दिन पहले ही केंद्र सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री  पीवी नरसिम्हा राव, पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह और डॉ एमएस स्वामीनाथन को सर्वोच्च सम्मान “भारत रत्न” से सम्मानित करने की घोषणा की है।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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