भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। दिल (Heart) मनुष्य शरीर के सबसे अहम अंगों में से एक है। अगर दिल अपना काम करना बंद कर दे तो व्यक्ति की मौत हो जाती है। इसलिये हर व्यक्ति को अपने हृदय का खास ख्याल रखना चाहिये। हाल ही में टीवी एक्टर सिद्धार्थ शुक्ला का महज 40 साल की उम्र में हार्ट अटैक (Heart attack) से मौत ने सभी को हैरान कर दिया था। ऐसे ही कई मामले आए दिन सामने आ रहे हैं जहां कम उम्र में ही लोगों में दिल से जुड़ी समस्याएं देखने को मिल रही हैं, लिहाजा कम उम्र में ही हार्ट अटैक से मौतें भी बढ़ रही हैं। इसका एक कारण आज की दौड़ती-भागती जिंदगी और अनिश्चित दिनचर्या है। हर व्यक्ति आज की तनाव भरी जिंदगी में अपने शरीर का और खासकर अपने हृदय का सही ख्याल नहीं रख पाता। वहीं आज 29 सितंबर को वर्ल्ड हार्ट डे पर हम आपको बताने जा रहे हैं दिल से जुड़ी वो खास बातें जिसे जानकर आप अपने दिल का ख्याल रख सकते हैं।
अक्सर देखा गया है कि हमारे खान-पान के कारण हृदय को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचता है। इसमें सबसे बड़ा योगदान हमारी खराब दिनचर्या का भी होता है। आमतौर पर दिल से जुड़ी बीमारियां 60 से 70 वर्ष की आयु के लोगों में देखने को मिलती थी लेकिन अब 40 वर्ष से भी कम उम्र की आयु के लोगों में दिल से जुड़ी बीमारियां देखने को मिल रही है। चिकित्सकों का दावा है कि इसका प्रमुख कारण तनाव और इसके बाद नशे की गिरफ्त में आना है। आमतौर पर बीड़ी-सिगरेट और शराब पीने वाले लोगों ने दिल की बीमारियां सबसे अधिक देखने को मिलती थी लेकिन अब तनाव के कारण दिल पर असर पड़ने लगा है।
इन बातों का रखें खास ध्यान
हृदय रोग से बचने के लिये अमुमन डॉक्टर्स और विशेषज्ञय बताते हैं कि प्रत्येक व्यक्ति को सुबह के समय अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए कम से कम 30 मिनट की एक्सरसाइज करनी चाहिए वहीं तेल और फैट युक्त खाद्य पदार्थों से दूरी बनानी चाहिए। आज के समय में बढ़ रहे खराब खान पान और धूम्रपान के मामले दिल से संबंधित बिमारियों को जन्म दे रहे हैं। ऐसे में इन बिंदुओं को पढ़कर अपने हृदय की बिमारियों को दूर कर सकते हैं-
हार्ट अटैक से बचने के लिए ज्यादा कैलरी वाले खाने से बचना चाहिए।
दिल को स्वस्थ रखने के लिए अखरोट, बादाम, अलसी, सोयाबीन और साल्मन मछली का सेवन किया जा सकता है।
नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए
भरपूर नींद लें
दिक्कत होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और बिना डॉक्टर की सलाह के दवा का सेवन न करें।
यानी कुल मिलाकर हृदय रोग अब किसी उम्र विशेष तक सीमित नहीं रह गये बल्कि बदलती लाइफस्टाइल से इसके रोगियों की संख्या दुगनी रफ़्तार से बढ़ गई है। इसके लिये हमें जरूरत है कि समय रहते हृदय रोगों के लक्षणों को समझें और इसके लक्षणों को नजरअंदाज ना रें। हृदय रोग से जुड़े डॉक्टर से परामर्श लें।