आंख और नींद के लिए ही नहीं वजन के लिए भी नुकसानदायी है मोबाइल फोन, जानिए कैसे

Amit Sengar
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जीवनशैली,डेस्क रिपोर्ट। टेक्नोलॉजी (technology) का इस दुनिया पर बहुत असर पड़ रहा है। हम लगातार टेक्नोलॉजी पर आश्रित होते जा रहे हैं। फोन हो या कंप्यूटर, अब यह हमारे जीवन का एक हिस्सा बन चुके हैं। बिजली का बिल भरना हो या प्लेन की टिकट हम सारे काम मोबाइल या कंप्यूटर से करते हैं, अब यह हमारे लिए जरूरी भी हो गए हैं, पर इनका ज्यादा उपयोग हमारे लिए नुकसानदायक है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ मानते हैं कि कई मामलों में मोबाइल का उपयोग और बढ़ता हुआ स्क्रीन टाइम, विशेष कर बच्चों में काफी नुकसानदायक है।

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विशेषज्ञों के मुताबिक मोबाइल (Mobile) का ज्यादा इस्तेमाल और बढ़ता स्क्रीन टाइम हमारे मानसिक और शारीरिक सेहत (mental and physical health) को बहुत नुकसान पहुंचाता है। इनका ज्यादा उपयोग कई समस्याएं और स्थायी क्षति का कारण बन सकता है। चलिए जानते हैं कि मोबाइल का ज्यादा उपयोग किस तरह हमारी सेहत को नुकसान पहुंचाता है? इसका उपयोग करते समय किन बातों का ध्यान रखना आवश्यक है?

नकारात्मक व्यवहार की समस्या
विशेषज्ञों का कहना हैं कि ज्यादा मोबाइल का इस्तेमाल से व्यवहार में नकारात्मक बदलाव आने लगते हैं। जो भी मोबाइल का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं उन्हें अपने आप पर नियंत्रण करने में मुश्किल आती है। उनकी सोच पर भी निगेटिव असर होता हैं। इससे चिड़चिड़ापन और चिंता भी बढ़ सकते हैं। इसको लेकर अलर्ट रहने की जरूरत है।

आंखो में समस्या
मोबाइल ज्यादा इस्तेमाल करने का सबसे ज्यादा असर आंखों पर पड़ता हैं। इससे निकलने वाली रोशनी आंखो पर असर करती हैं जिस के कारण आंखो में जलन-चुभन या ड्राई आइज की समस्या आ सकती हैं। बच्चों में चश्मा लगने का एक मुख्य कारण यह भी हैं।

नींद की समस्या
रात के समय ज्यादा मोबाइल का उपयोग और हमारा बढ़ता हुआ स्क्रीन टाइम, जिस के कारण आज के टाइम में अनिद्रा की समस्या बढ़ती जा रही हैं। नींद पूरी न होना या नींद संबंधी विकार होने से शरीर और दिमाग दोनों पर नकारात्मक असर होता हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि शरीर और दिमाग को स्वस्थ रखने के लिए शाम को 6 बजे के बाद किसी भी तरह की स्क्रीन का उपयोग करने से बचना चाहिए।

मोटापे की समस्या
मोबाइल का ज्यादा उपयोग करने से मोटापे का खतरा बढ़ जाता हैं। इससे निकलने वाली नीली रोशनी नींद को और कई हार्मोन्स के कार्य को प्रभावित करती है, जिसके कारण वजन बढ़ना स्वाभाविक हैं।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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