इम्युनिटी बूस्ट करने के लिए पिएं अजवाइन का काढ़ा, बनाने की ये है प्रक्रिया

health benefits of ajwain

Health Benefits of Ajwain: सर्दियों का मौसम आ गया है। मौसम में तब्दीली देखने को मिल रही है। इस मौसम में लोगों की इम्युनिटी सिस्टम ठीक न होने की वजह से सर्दी जुकाम, खांसी, वायरल और बुखार की चपेट में जल्दी ही आ जाते हैं। हालांकि इससे बचने के घरेलू उपाय भी होते हैं। इन मौसमी बीमारियों से बचने के लिए आपको अजवाइन का काढ़ा बनाकर पीना चाहिए। इससे आपकी इम्युनिटी सिस्टम बूस्ट होगी और आपको बीमारियों से बचाने में मदद भी करेगा। अजवाइन में कई तरह के एंटीबैक्टीरियल और एंटीऑक्सीडेंट तत्व पाए जाते हैं जो कि शरीर को संक्रमण के प्रभाव से बचाने का काम करते हैं। आइए जानते हैं कि अपनी इम्युनिटी सिस्टम को बूस्ट करने के लिए अजवाइन का काढ़ा कैसे बनाया जा सकता है।

काढ़ा बनाने में लगने वाली सामाग्री

अजवाइन का काढ़ा बनाने के लिए आपको निम्न सामाग्री की जरूरत पड़ती हैः-

  • 2 काली मिर्च
  • 2 लौंग
  • 2 लहसुन की कलियां
  • 3 चम्मच अजवाइन

अजवाइन का काढ़ा बनाने की प्रक्रिया

अजवाइन का काढ़ा बनाने के लिए सबसे पहले आपको एक भगोने में एक गिलास पानी भर लेना पड़ेगा। इस पानी में 3 चम्मच आजवाइन, लहसुन की कलियां डालकर गैस पर रख दें। इसके बाद काली मिर्च और लौंग को कूट लें और पानी में डाल दें। फिर इसको कुछ देर तक उबलने दें। और पानी थोड़ा कम हो जाए तो गैस बंद कर दें। फिर उसे छान लें। वहीं आप चाहें तो थोड़ा सा नमक भी डाल सकते हैं। अब इस काढ़े को पियें। बता दें अगर आप दिन में दो बार इस काढ़े को पीते हैं तो आपको जल्दी ही सर्दी जुकाम और खांसी से छुटकारा मिल सकता है। वहीं लहसुन में एंटीफंगल और एंटीसेप्टिक गुण पाए जाते हैं। जो कि हमारी शरीर को वायरस जैसे विषाणुओं से बचाने में मददगार साबित होता है।

(Disclaimer: यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता है। अमल में लाने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।)


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Shashank Baranwal

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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है– खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालो मैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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