करौंदे के पौधे की देखभाल के आसान टिप्स, जो बढ़ाएंगे फल और फूल की पैदावार

Plant Tips: करौंदे का पौधा एक ऐसा फलदार वृक्ष है जिसे थोड़ी सी देखभाल से आप अपने बगीचे में आसानी से उगा सकते हैं। अगर आप चाहते हैं कि आपका करौंदे का पौधा अधिक से अधिक फल और फूल दे तो इन टिप्स को अपना सकते हैं।

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Plant Tips: बरसात के मौसम में खट्टे-मीठे करौंदे तोड़ने का मज़ा ही कुछ और है। ये कांटेदार पौधा न सिर्फ बगीचे की शोभा बढ़ाता है बल्कि इसके फल से स्वादिष्ट आचार और चटनी भी बनती है। पहले के लोग इसे खेतों की मेड़ पर लगाकर फसलों को जानवरों से बचाते थे। अगर आपके करौंदे का पेड़ फल और फूल कम दे रहा है, तो कुछ खास देखभाल से आप इसे फिर से उपजाऊ बना सकते हैं। नियमित पानी, उर्वरक, और थोड़ी सी अतिरिक्त देखभाल से आप अपने बगीचे में करौंदों का लुत्फ उठा सकते हैं।

जमीन में लगाना ज्यादा बेहतर

अगर आप कई पौधे लगा रहे हैं तो उनके बीच कम से कम 1 मीटर की दूरी रखें। पौधे को गमले की बजाय जमीन में लगाना ज्यादा बेहतर होता है। इसके लिए एक गड्ढा खोदें और उसमें गोबर की खाद और नीम खली मिलाकर मिट्टी को अच्छी तरह मिला लें। गड्ढे में पानी डालकर इसे नम कर लें। लगभग 15 दिन बाद इस तैयार गड्ढे में करौंदे का पौधा लगा दें।

जुलाई से सितंबर के बीच लगाना चाहिए

करौंदे का पौधा लगाते समय कुछ बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है। अगर आप करौंदे को बीज से उगा रही हैं, तो आपको फल मिलने में थोड़ा इंतज़ार करना पड़ेगा, क्योंकि बीज से उगाए गए पौधे में फल लगने में 4-5 साल का समय लग सकता है। लेकिन अगर आप पहले से तैयार पौधा लगाती हैं, तो आपको 2-3 साल में ही फल मिलने लगेंगे। करौंदे का फल आमतौर पर जुलाई से सितंबर के बीच लगता है और आप इन महीनों में इनका आनंद ले सकती हैं।

समय-समय पर उसकी कटाई-छंटाई

करौंदे के पौधे को स्वस्थ और घना बनाए रखने के लिए समय-समय पर उसकी कटाई-छंटाई करना बहुत ज़रूरी है। फल का सीजन खत्म होने के बाद बड़ी और पुरानी डालियों को काटकर हटा देना चाहिए। इससे नए अंकुर निकलेंगे और पौधा घना होगा। इसके अलावा, कीटों से बचाव के लिए पौधे पर पेस्टिसाइड का छिड़काव करना भी फायदेमंद होता है। नियमित देखभाल और कटाई-छंटाई से आप अपने करौंदे के पौधे को लंबे समय तक स्वस्थ रख सकते हैं और हर साल भरपूर मात्रा में फल प्राप्त कर सकते हैं।

 


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भावना चौबे

भावना चौबे

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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