भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। हम सभी के शरीर पर तिल (mole) होते हैं। कई तिल जन्मजात होते हैं तो कई तिल बाद में बनते हैं। लोग अक्सर तिल को स्वभाव, भाग्य या धन लाभ से भी जोड़कर देखते हैं। समुद्र शास्त्र (Samudra Shastra) के अनुसार शरीर के अलग अलग हिस्सों के तिल अलग-अलग प्रभाव डालते हैं। आईये आज जानते हैं कि किस तिल का क्या महत्व है-
- माथे पर तिल होना मनुष्य के सौभाग्य का प्रतीक है। वहीं होंठो पर तिल कामुकता का प्रतीक है।
- स्त्री के शरीर में बाएं भाग में तथा पुरुष के शरीर में दाएं भाग में तिल शुभ माना जाता है।
- शहद के रंग के भूरे, पन्ना की तरह हरे एवं लालिमा लिए तिल शुभ माने जाते हैं। एकदम काले तिल को शुभ नहीं माना जाता है।
- कनपटी के दाहिने ओर तिल हो तो ये अचानक भाग्योदय का सूचक माना जाता है। अगर तिल दाएं है तो धन और बाएं है तो अचानक विवाह का संकेत है।
- स्त्रियों के बाएं गाल पर तिल राजपद और सुयोग्य संतान का चिन्ह माना जाता है।
- स्त्री के नाक के आगे वाले हिस्से में तिल हो तो उसे परम सुख की प्राप्ति होगी, ऐसा माना जाता है।
- चेहरे पर मौजूद तिल धन लाभ का प्रतीक है।
- आंख की दायीं पुतली पर तिल हो तो व्यक्ति अच्छे विचारों वाला होता है। बायीं पुतली पर तिल हो तो उसके विचार अच्छे नहीं होते।
- भौहों पर तिल हो तो व्यक्ति अक्सर यात्राओं में रहता है।
- हाथ के बीचोंबीच तिल हो जो किसी पर्वत पर न हो तो ये संपन्नता का प्रतीक है।
- अंगूठे पर तिल हो तो व्यक्ति कितना की पुरुषार्थ करे उसे यश नहीं मिलता।
- पेट पर तिल व्यक्ति के धनी होने का प्रतीक तो है लेकिन ये खराब स्वास्थ्य भी दर्शाता है।
- कंठ पर तिल मधुर आवाज की निशानी है।
- हाथों पर तिल वाया व्यक्ति चतुर माना जाता है।
- तिल पर बाल शुभ नहीं माना जाता
- सीने पर तिल संकेत है कि व्यक्ति को पारिवारिक बाधाओं का सामना करना पड़ेगा।
- व्यक्ति के शरीर पर 12 से अधिक तिल शुभ सूचक नहीं माने जाते हैं।