Orange Chutney Recipe: स्वाद ही नहीं सेहत का भी खजाना है संतरे की चटनी, जरूर करें ट्राइ, देखें आसान रेसिपी

आप घर पर संतरे की चटपटी, मीठी और स्वादिष्ट चटनी बना सकते हैं। आइए जानें इसे बनाने के लिए किन-किन चीजों की जरूरत पड़ेगी और विधि क्या है?

orange chutney recipe

Orange Chutney Recipe: संतरा कई सेहतमंद गुणों से भरपूर होता है। यह फाइबर और विटामिन सी समेत कई पोषक तत्वों का अच्छा स्त्रोत माना जाता है। संतरे का सेवन करने से शरीर में कॉलेजन बनता है। बालों और त्वचा के लिए इसे बेहद फायदेमंद माना जाता है। डायबिटीज मरीजों के लिए यह किसी वरदान से काम नहीं है। इसका सेवन करने से इम्यूनिटी भी बूस्ट होता है। यदि आप संतरे को ऐसे ही कहकर बोर हो गए हैं तो इसकी चटपटी, मीठी और स्वादिष्ट चटनी को घर पर बना सकते हैं।

इन चीजों की पड़ेगी जरूरत

संतरे की चटनी बनाने के लिए आपको ऑरेंज, तेल, सरसों के बीज, जीरा, हल्दी पाउडर, लाल मिर्च पाउडर, हींग, नमक, चीनी, सूखी लाल मिर्च और विनेगर की जरूरत पड़ेगी।

चटनी बनाने की विधि

सबसे पहले संतरे दो धोकर छील लें। सभी बीजों को हटाकर इसे छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें। एक कढ़ाई या पैन में तेल गर्म करें ।अब इसमें सरसों के बीज और जीरा का छौंक लगाएं। उसके बाद आंच कम करें। लाल मिर्च पाउडर और हींग को डालें। इसे कुछ देर तक मिक्स करें। अब कढ़ाई में कटे हुए संतरें डालें और अच्छे से मिक्स करें। 15 से 20 मिनट तक मिश्रण को पकाएं। जब मिश्रण सॉफ्ट और गाढ़ा हो जाए तो इसमें चीनी और नमक डालें। थोड़ी देर तक मिलाते रहें। उसके बाद इसमें लाल मिर्च डालें और करीब 10 मिनट तक इसे धीमी आंच पर पकाएं। विनेगर डाले और इससे अच्छे से मिक्स करें। जब आपके स्वाद अनुसार चटनी तैयार हो जाए तो गैस को बंद कर दें। इसे ठंडा होने दे। रोटी या पराठे के साथ इसका सेवन करें।

(Disclaimer: इस आलेख का उद्देश्य केवल सामान्य जानकारी साझा करना है, जो विभिन्न माध्यमों पर आधारित है। MP Breaking News इन बातों के सत्यता और सटीकता की पुष्टि नहीं करता।)


About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है। अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"

Other Latest News