Parenting Tips: क्या आपके बच्चे में भी है आत्मविश्वास की कमी, तो हो सकती है इसमें आपकी ये गलती, सिखाएं ये 7 बातें

Parenting Tips: हर बच्चा अनोखा होता है और उसकी अपनी गति से विकास करता है। किसी और से तुलना करने से बच्चे का आत्मविश्वास डगमगा सकता है और उसे हीन भावना महसूस हो सकती है।

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Parenting Tips: हर माता-पिता की यही इच्छा रहती है कि उसका बच्चा खूब पढ़े-लिखे और जीवन में आगे बढ़े। अपने बच्चों को आगे बढ़ाने के लिए अक्सर माता-पिता उन्हें दूसरे बच्चे का उदाहरण देते हैं या फिर दूसरे बच्चों के साथ तुलना करते हैं। लेकिन ऐसा करना बिल्कुल भी सही नहीं है। दूसरों के साथ तुलना करने से अच्छा है कि अपने बच्चों को प्यार से समझाया जाए। जब माता-पिता बच्चों को दूसरों के साथ कंपेयर करते हैं तो बच्चों के मन में ईर्ष्या की भावना पैदा हो जाती है। हर माता-पिता को यह समझना होगा कि दुनिया का हर बच्चा अलग होता है। इसलिए हमें उन्हें एक दूसरे जैसा बनने के लिए नहीं बोलना चाहिए, बल्कि इसकी वजह वह जैसे हैं बेस्ट है ये स्वीकार करना चाहिए या उन्हें बेस्ट बनाने की कोशिश करनी चाहिए। जब माता-पिता बच्चों को दूसरों के साथ कंपेयर करते हैं तो बच्चों को ऐसा लगता है कि वह किसी काम के नहीं है उनका आत्मविश्वास डगमगाने लगता है।

बच्चों को कौन सी 7 बातें सिखाएं

1. स्वीकार करें और प्यार करें

दुनिया का हर बच्चा अलग और अनोखा होता है। अपने बच्चे को स्वीकार करें और उसे प्यार दें, चाहे वह जैसा भी हो। उसे बताएं कि आप उससे प्यार करते हैं और उसकी परवाह करते हैं। अगर आप उन्हें हर वक्त दूसरों के साथ कंपेयर करते रहेंगे तो उनका आत्मविश्वास कमजोर हो जाएगा।

2. उसकी तुलना दूसरों से न करें

अपने बच्चे की तुलना कभी भी किसी और से न करें। यह उसे हीन भावना महसूस करा सकता है और उसकी आत्म-सम्मान को कम कर सकता है। दूसरों के साथ तुलना करने से बच्चा कभी खुद से प्यार नहीं कर पाएगा।

3. उसकी ताकत और कमजोरियों को पहचानें

अपने बच्चे की ताकत और कमजोरियों को पहचानें और उसे उसकी ताकत को विकसित करने में मदद करें। उसकी कमजोरियों को स्वीकार करें और उसे उन पर काम करने के लिए प्रोत्साहित करें।

4. उसे गलतियां करने दें

जब बच्चे गलती करते हैं तो कई माता-पिता ऐसा बर्ताव करते हैं जैसे बच्चे ने गलती नहीं बल्कि कोई पाप किया हो। गलतियां सीखने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। अपने बच्चे को गलतियां करने दें और उनसे सीखने में मदद करें।

5. उसे सकारात्मक प्रतिक्रिया दें

अपने बच्चों पर कभी कोई गलत टिप्पणी न दें। भले ही बच्चे छोटे और मासूम होते हैं पर उन्हें आपकी अच्छी बुरी सारी बातें याद रहती है इसलिए कोशिश करें कि उनके सामने पॉजिटिव बातें ही करें और पॉजिटिव वातावरण ही बनाएं। अपने बच्चे को सकारात्मक प्रतिक्रिया दें और उसकी सराहना करें। यह उसे प्रेरित करेगा और उसे बेहतर करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।

6. उसे स्वतंत्र बनने में मदद करें

अपने बच्चे को स्वतंत्र बनने में मदद करें। उसे अपने फैसले लेने और अपनी जिम्मेदारी लेने के लिए प्रोत्साहित करें। अक्सर कई माता-पिता बच्चों को छोटा समझकर उन्हें फैसले नहीं लेने देते हैं ना ही उन्हें स्वतंत्र रहने देते हैं लेकिन अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा आत्मनिर्भर बने तो आपको कुछ-कुछ चीजों के लिए उन्हें स्वतंत्र करना पड़ेगा।

7. समय की कद्र करना सिखाएं

अक्सर बच्चे समय की कद्र नहीं करते हैं। समय पर होमवर्क पूरा नहीं करते हैं समय पर सोते नहीं है और कई बार समय पर जाग नहीं पाते हैं। ऐसे में आपको अपने बच्चों को समय की कद्र करना सीखना होगा। आपको अपने बच्चों का टाइम मैनेजमेंट करना चाहिए उन्हें बताना चाहिए कि कब खेलना है कब पढ़ाई करनी है कब खाना खाना है साथ ही साथ कब सोना और उठना चाहिए। इससे न सिर्फ टाइम मैनेजमेंट सीखेगा बल्कि बच्चा एक बेहतर इंसान भी बनेगा।

Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।


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भावना चौबे

भावना चौबे

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं। मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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