जानिए किस उम्र से करवाना चाहिए कोलेस्ट्रॉल चैकअप, क्यों जरूरी है ध्यान रखना

Amit Sengar
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जीवनशैली,डेस्क रिपोर्ट। हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल (High cholesterol level) एक ऐसी गंभीर समस्या है जिसका सामना खराब जीवन शैली होने के कारण आज के दौर में सभी वर्ग के लोगों को करना पड़ रहा है। बेड कोलेस्ट्रॉल लेवल आमतौर पर अनहेल्दी चीजें खाने, रोजाना वर्कआउट न करने अधिक वजन बढ़ जाने स्मोकिंग और ड्रिंक करने की वजह से बढ़ता है मानव शरीर में दो प्रकार का कोलेस्ट्रॉल पाया जाता है गुड और बेड कोलेस्ट्रॉल। बेड कोलेस्ट्रॉल लेवल हमारे शरीर में कई घातक बीमारियों को जन्म देता है और हमें बात का अंदाजा भी नहीं हो पाता है। तो आइए जानते हैं कोलेस्ट्रॉल लेवल चैक करने की सही उम्र क्या है।

कोलेस्ट्रॉल क्या होता है?

कोलेस्ट्रॉल हमारे खून में पाया जाने वाला एक मोम जैसा गाढ़ा पदार्थ होता है, जिसकी जरुरत शरीर में नई कोशिकाओं के निर्माण और उनके पोषण के लिए होती है लेकिन जब कोलेस्ट्रॉल लेवल आवश्यकता से अधिक बढ़ जाता है तो रक्त कोशिकाएं सिकुड़ने लगती हैं जिससे रक्त का प्रवाह रुकने लगता है जिस वजह से हृदय रोग से संबंधित बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है।

कोलेस्ट्रॉल लेवल चैक कराने की सही उम्र
>> अमेरिकन हार्ट एसोशिएशन का मानना है, कि किसी भी व्यक्ति को लगभग 20 साल की उम्र से ही अपना कोलेस्ट्रॉल लेवल चैक कराना शुरु कर देना चाहिए ।

>> अमेरिका के सेंटर फॉल डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन का कहना है कि बच्चों के कोलेस्ट्रॉल लेवल को उनकी शुरुआती उम्र से ही चैक करना शुरु कर देना चाहिए ।

>> गलत खान पान के कारण बढ़ते कोलेस्ट्रॉल के केसो को देखते हुए यह काफी जरुरी हो गया है कि आप नियमित रुप से अपना कोलेस्ट्रॉल लेवल की जांच करवाएं। भारत में ब्लड कोलेस्ट्रॉल की अगर बात करें तो ग्रामीण क्षेत्रों में कम से कम 15 से 20 फिसदी और शहरों में 25 से 30 फिसदी लोग बढ़ते कोलेस्ट्रॉल की समस्या का सामना कर रहे हैं।

>> 2017 की एक रिर्पोट के अनुसार 20 साल की अवधि में गांव की अपेक्षा शहरी आबादी के बीच कुल कोलेस्ट्रॉल, एलडीएल कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के लेवल में वृद्धि हुई है।

>> इस रिपोर्ट के बाद से कई विशेषज्ञ सलाह देते हैं, कि हमें 20 की उम्र से ही कम से कम 5 साल में एक कोलेस्ट्रॉल लेवल चैकअप कराते रहना चाहिए।

बॉडी में कितना होना चाहिए कोलेस्ट्रॉल लेवल-

बॉडी में टोटल कोलेस्ट्रॉल लेवल 200 mg/dl से कम होना ठीक रहता है। एलडीएल यानी बैड कोलेस्ट्रॉल 100 mg/dl से कम, एचडीएल यानि गुड कोलेस्ट्रॉल 60 mg/dl से ज्यादा और ट्राइग्लिसराइड 150 mg/dl से कम होना बेहतर है।

फैमिली हिस्ट्री भी एक मुख्य कारण बढ़ते कोलेस्ट्रॉल का –

अगर आपके परिवार के किसी भी व्यक्ति को हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या रही होती है तो आपमें भी इस समस्या के होने के ज्यादा चासेंस बढ़ जाते है इसे पारिवारिक हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया के नाम से भी जाना जाता है जिसके कारण आपकों बढ़ते कोलेस्ट्रॉल से होने वाली कई घातक बिमारियों का सामना बहुत कम उम्र से ही करना पड़ता है।

कोलेस्ट्रॉल टेस्ट की रिपोर्ट को कैसे समझें

कोलेस्ट्रॉल दो तरह के होता है( HDL) गुड और (LDL)बेड कोलेस्ट्रॉल। गुड कोलेस्ट्रॉल को शरीर के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है जबकि उसी के विपरीत बेड कोलेस्ट्रॉल शरीर के लिए काफी घातक होता है जो कई गंभीर बिमारियों को जन्म देता है ।

शरीर में कोलेस्ट्रॉल लेवल को मिलीग्राम/ डेसीलीटर और mg/dL के रूप में मापा जाता है। जब कुल ब्लड कोलेस्ट्रॉल का लेवल 200 से नीचे होता है, तो इसे सामान्य माना जाता है जब रीडिंग 200 और 239 के बीच होती है 240 से ऊपर कोलेस्ट्रॉल लेवल का बढ़ना काफी खतरनाक माना जाता है।

*Disclaimer :- यहाँ दी गई जानकारी अलग अलग जगह से जुटाई गई एक सामान्य जानकारी है। MPBreakingnews इसकी पुष्टि नहीं करता है।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है। वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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