एंटी माफिया अभियान: सरकारी जमीन पर होता मिला प्रतिबंधित थाईलैंड की मछली का उत्पादन

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। प्रदेश में जारी एंटी माफिया अभियान (Anti mafia campaign) के अंतर्गत ग्वालियर में भी लगातार कार्रवाई की जा रही है। आज की कार्रवाई में प्रशासन को उस समय आश्चर्य हुआ जब एक व्यक्ति ना सिर्फ सरकारी जमीन पर तालाब बनाकर कब्जा करता मिला बल्कि वो इस तालाब में थाईलैंड की प्रतिबंधित मछली का उत्पादन करता भी मिला।

जिला प्रशासन की टीम ने आज गिरवाई क्षेत्र में कार्रवाई की। प्रशासन की टीम ने यहां अवैध रूप से तालाब बना कर वहां किए जा रहे हैं मछली पालन को नष्ट कर दिया। प्रशासन ने यहां से 10 बीघा जमीन मुक्त कराई जिसकी कीमत 4 करोड़ रुपये बताई जा रही है।

एसडीएम अनिल बनवारिया (SDM Anil Banwariya) ने बताया कि गिरवाई क्षेत्र में पहाड़ की नजूल की सर्वे क्रमांक 325,326,330,331 की सरकारी भूमि पर जबर सिंह लोधी और उसके परिवार ने गड्ढे खोदकर तालाब बना लिया था जिसमें वह अवैध रूप से मछली पालन कर रहे थे।

एंटी माफिया अभियान: सरकारी जमीन पर होता मिला प्रतिबंधित थाईलैंड की मछली का उत्पादन

मछली पालन को देखकर एसडीएम ने फिशरीज डिपार्टमेंट के संयुक्त संचालक को मौके पर बुलाया। एसडीएम ने बताया कि फिशरीज के संयुक्त संचालक ने बताया कि यहाँ थाईलैंड की उस मछली का बीज डाला गया है जो मध्यप्रदेश में प्रतिबंधित है। ये इतनी खतरनाक है यदि इंसान इसके पास गिर जाए तो उसको भी खा जाती है ।

एंटी माफिया अभियान: सरकारी जमीन पर होता मिला प्रतिबंधित थाईलैंड की मछली का उत्पादन

एसडीएम ने कहा कि ये लोग इस अवैध कारोबार से 56-60 लाख रुपया कमा रहे हैं यदि कोई बच्चा इस तालाब में गिर जाए तो उसकी जान को खतरा हो सकता है। इसलिए तालाब को नष्ट कर दिया है। एसडीएम अनिल बनवारिया ने कहा कि हम अवैध कारोबारी के खिलाफ FIR भी करा रहे हैं । एसडीएम की टीम को यहाँ निजी भूमि पर बिना अनुमति और बिना डाइवर्शन के ईट भट्टे संचालित होते मिले। प्रशासन ने इसके लिए 19 लाख की वसूली के नोटिस भी थमाया।

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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