Balaghat News : कोदो-कुटकी हमारी सांस्कृतिक विरासत है। इस विरासत का बालाघाट जिले में 3 हजार वर्ष पुराना इतिहास है। बालाघाट सिर्फ वन्यजीव, वन, खनिज संसाधनों के लिए ही नहीं जाना जाता बल्कि इसकी पहचान यहां उत्पादित होने वाले मोटे अनाज से भी है। यह बात मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 29 जून शनिवार को बालाघाट में श्री अन्न उत्सव और किसान सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि शासन मोटे का उत्पादन और संवर्धन करने के लिए लगातार कार्य कर रही है। अब रानी दुर्गावती श्री अन्न प्रोत्साहन योजना संवर्धन और उत्पादन की दिशा में कार्य करने के साथ ही। किसानों को अधिक मुनाफा देने के लिए शासन द्वारा 1 हजार रुपये का अनुदान किसानों को दिया जा रहा है। साथ ही केंद्र सरकार द्वारा इस वर्ष कोदों 4290 रुपये समर्थन मूल्य पर खरीदने की घोषणा भी की गई है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि शासन के प्रयासों से मिलेट मिशन में श्री अन्न फसलों का लगातार रकबा बढ़ रहा है। बालाघाट में ही यह रकबा 10 हजार हेक्टेयर होता था। अब इसका रकबा 15200 हेक्टेयर करने का लक्ष्य रखा गया है।
मिलेट्स हमारी सांस्कृतिक विरासत
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य शासन अब सोलर ऊर्जा को बढ़ावा देने की ओर बढ़ रही है। इसमें किसानों बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका होगी। प्रदेश के किसान को अन्न उत्पादन के साथ ही बिजली उत्पादक भी बनाया जाएगा। केंद्र और राज्य शासन मिलकर किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त करने के लिए किसान सम्मान निधि की राशि प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि बालाघाट में जल संरचनाओं के संरक्षण की दिशा में उल्लेखनीय कार्य हुए है। इसके लिए बालाघाट के कार्यो का दस्तावेजीकरण भी किया जाएगा। मिलेट्स पर आधारित प्रदर्शनियों की मुख्यमंत्री ने सराहना की। इस दौरान उन्होंने किसानों से भी चर्चा की।
कार्यक्रम के दौरान सांसद भारती पारधी, कटंगी विधायक गौरव पारधी, लांजी विधायक राजकुमार कर्राहे, पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन, रामकिशोर कावरे तथा नपा अध्यक्ष श्रीमती भारती सुरजीत ठाकुर, कलेक्टर डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा, एसपी समीर सौरभ, जिपं सीईओ डीएस रणदा, एसडीएम गोपाल सोनी और अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
बालाघाट से सुनील कोरे की रिपोर्ट