रामज्योत से जगमगा उठा घर-आंगन, मंदिर, नगर में दिखा दीपावली सा नजारा

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Balaghat News : 5 शताब्दी बाद 22 जनवरी को वह दिन आ ही गया, जब भगवान रामलला, अपने जन्मस्थान अयोध्या में भव्य राममंदिर में विराजे। जिसके लिए ना जाने कितने लोगों ने बलिदान दिया और ना जाने कितनी कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी लेकिन अंततः 22 जनवरी को अयोध्या में भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही करोड़ों-करोड़ हिन्दुओं का सपना साकार हो गया है। जिसका नजारा कई पीढ़ियों ने एकसाथ देखा और इसके भगवान के मंदिर में विराजे जाने के साक्षी बने।

दीयों की रोशनी से जगमगा उठा बालाघाट

विश्व के कई देशों के साथ ही भारत में इस अनुपम और ऐतिहासिक दिवस पर दीपावली सा नजारा रहा। रामज्योत से नगर और घर-आंगन प्रकाशमान हो उठा। घरों के पूजास्थल और आंगन पर दीपों की छटा और दीपावली की तरह आतिशबाजी करते की उत्सुकता, यह बयां करने के लिए काफी है कि हिन्दुस्तान का हर एक नागरिक अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से प्रसन्न और आनंदित है। बालाघाट में 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा अवसर पर जहां मंदिर से लेकर हर घर रोशनी से सजा रहा। वहीं विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों के साथ ही महाप्रसाद का वितरण किया गया। वहीं संध्या लगभग 6.30 बजे राष्ट्रीय विचार मंच के आह्रवान पर एक लाख 11 हजार 111 रामज्योत को प्रकाशमान करने जनमानस उमड़ पड़ा। परिवार के साथ रामज्योत को प्रज्ज्वलित करने लोग संध्या से ही जुटने लगे थे और ठीक 6.30 बजे शंख की ध्वनी के साथ रामज्योत प्रज्जलवन की शुरूआत के कुछ मिनटो में ही एक लाख 11 हजार 111 दीपों की रोशनी से सर्किट हाउस रोड जगमगा उठा।


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Amit Sengar

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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है। वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”