MP Election 2023 : बालाघाट जिले में बीते चुनावों में हुई मतदान का रिकॉर्ड इस चुनाव में हुई वोटिंग ने तोड़ दिया। बीते 2018 में जहां जिले में 80 प्रतिशत मतदान था, वहीं इस बार 84.15 प्रतिशत मतदान शाम 7.30 बजे तक रिकॉर्ड किया गया। देर रात तक चल रही वोटिंग से यह आंकड़ा और बढ़ सकता है। जिले में मतदान का आंकड़ा 85 प्रतिशत तक जाने की संभावना व्यक्त की जा रही है। जिसका एक प्रमुख कारण 2018 के चुनाव की अपेक्षा लगभग 34 नए मतदान केन्द्रो में हुई बढ़ोत्तरी को माना जा रहा है, जिसमें मतदाताओं को गांव में ही मतदान करने का अवसर मिला। दूसरा एक बड़ी वजह नक्सल प्रभावित क्षेत्र में सुरक्षा को माना जा रहा है, इस बार बालाघाट पुलिस ने नक्सल प्रभावित 319 मतदान केन्द्रो में थ्री-लेयर में व्यवस्था की थी। जहां मतदान केन्द्रो में सुरक्षाबल की एक पूरी टीम तैनात थी। वहीं दूसरी लेयर में नक्सली मतदान केन्द्र के आसपास दूसरी टीम और तीसरे लेयर में जंगलों में सुरक्षाबल के जवान लगे थे। इसके अलावा ड्रोन कैमरे से भी नजर रखी गई। वहीं लगातार मतदान और सुरक्षा को लेकर जिला निर्वाचन अधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक के भ्रमण ने मतदाताओं में एक विश्वास पैदा किया। इसके अलावा पूरे मतदान के दौरान जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. मिश्रा और पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ लगातार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया।
जिले में लोकतंत्र के इस महोत्सव में हर उम्र का मतदाता, अपने मताधिकार का उपयोग करने मतदान केन्द्र पहंुचा। मतदाताओं में मतदान को लेकर उत्साह का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि युवा, महिला और पुरूषों के साथ मतदान में बुजुर्ग भी पीछे नहीं है, लाठी के साथ ही वह सहारे से मतदान केन्द्र पहुंचकर अपना मतदान किया। लोकतंत्र के महोत्सव में मतदाताओं ने अपने प्रतिनिधि को चुनने जो उत्साह दिखाया है, उससे जिले में इस बार वोटिंग, रिकॉर्ड पार हो गई है। आम मतदाताओं के साथ ही प्रत्याशियों और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही समाजसेवियों ने भी बढ़-चढ़कर लोकतंत्र के इस यज्ञ में अपने मतों की आहूति डाली। जिले में छुटपुट घटनाओ को छोड़ दिया जाए तो नक्सल प्रभावित बालाघाट जिले में जिले की तीन नक्सल प्रभावित विधानसभा बैहर, परसवाड़ा और लांजी में प्रातः 07 बजे से अपरान्ह 03 बजे तक और शेष तीन विधानसभा बालाघाट, वारासिवनी और कटंगी में प्रातः 07 बजे से शाम 06 बजे तक मतदान शांतिपूर्ण रहा।