दरअसल, आज बुधवार को बड़वानी कलेक्टर शिवराज सिंह वर्मा (Barwani Collector Shivraj Singh Verma) ने जिला स्तरीय कोरोना कॉल सेंटर का निरीक्षण किया था, जहां पर चरणाबद्ध तरीके से नियुक्त शिक्षकों द्वारा अपने कार्य में लापरवाही देखने को मिली थी और वे अपने दायित्व से अनुपस्थित पाये गये थे।इसी बात से नाराज होकर कलेक्टर ने सभी पर कार्रवाई कर दी।
इतना ही नहीं बड़वानी कलेक्टर ने नियुक्त किये गये समस्त नोडल अधिकारियों को भी चेतावनी दी है कि वे अपने दायित्वों को निर्वहन अच्छी तरह से करे। जिससे उनके मताहत कार्यरत कर्मी अच्छी तरह से अपने पदेन दायित्वों का निर्वहन करे। कलेक्टर ने नोडल अधिकारियों को चेताया है कि अब लापरवाही प्रदर्शित होने पर उन पर भी कठोर कार्यवाही की जायेगी।
इसके अलावा बड़वानी कलेक्टर वर्मा ने कोरोना आपदा प्रबंधन में संलग्न मैदानी अमले को भी चेतावनी दी है कि वे अपने पदीन दायित्वों का निर्वहन अच्छी तरह से करे। अन्यथा उनके विरूद्ध भी आपदा प्रबंधन की विभिन्न धाराओं के तहत कार्यवाही की जायेगी। मैदानी अमले के कार्यो की जानकारी के लिए विभिन्न अधिकारियों को नियुक्त किया गया है, जो नियमित रूप से क्षेत्र में पहुंचकर उनके कार्यो का मूल्यांकन कर, अपनी रिपोर्ट सीधे उन्हे देंगे।
खास बात ये है कि यह पहला मौका नहीं है। इससे पहले बड़वानी कलेक्टर ने ठीकरी-अंजड मार्ग पर एक भूमि का दुबारा आपसी सहमति से भू-अर्जन की कार्यवाही रूकवाने में सफलता प्राप्त की थी और शासन के 1 करोड़ 8 लाख का मुआवजा बचाए थे।इस पूरे मामले से संबंधित पटवारी महेन्द्र गुप्ता को भी तत्काल प्रभाव से निलंबित (Suspended) कर दिया गया था।
यह शिक्षक हुए निलंबित
सजवानी के सहायक शिक्षक शिवकुमार चौहान एवं प्राथमिक शिक्षक मोहन गेहलोत, धमनई के प्राथमिक शिक्षक मिश्रीलाल कन्नौजे, माध्यमिक शिक्षक रवि प्रकाश शर्मा को निलंबित किया गया है। निलंबित इन शिक्षकों का मुख्यालय जिला शिक्षा कार्यालय बड़वानी नियत किया गया है।
इन शिक्षकों की रोकी गई वेतन वृद्धि
प्राथमिक शिक्षक काकड़बैड़ी नितेश पाराशर, राधेश्याम शिंदे, सजवानी के शिक्षक देवीसिंह बड़ोले, भारतसिंह भाबर, सखाराम रावत, धमनई के शिक्षक टुलिया खरते, दिनेश यादव, भीमसिंह सोलंकी, माध्यमिक शिक्षक धमनई लोकेश पाटीदार एवं दिनेश यादव, सजवानी के कैलाश डाबर, तलून के अनिल पंवार की एक-एक वार्षिक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकी गई है।