‘लाल किला’ अब होगा ‘भगवा किला’! नाम बदलने की मांग को लेकर अखिल भारत हिंदू महासभा ने पीएम मोदी को लिखा पत्र

Demand to rename Red Fort as Bhagwa Fort : शेक्सपियर ने कहा था ‘नाम में क्या रखा है।’ अगर गुलाब को गुलाब न कहकर परिंदा कह दिया तो क्या उसकी खूशबू उड़ जाएगी। लेकिन  इस बात का दूसरा पहलू ये भी है कि नाम ही की खातिर लोग अपनी जिंदगियां लगा देते हैं। नाम कमाने के लिए, बनाने के लिए, नाम हासिल करने के लिए जितनी जद्दोजहद इस दुनिया में है..उससे ‘नाम’ की कीमत का अंदाज़ा होता है। अब ये नाम किसी शख्स का भी हो सकता है, किसी जगह का भी। हमारे यहां इन दिनों नामों को लेकर कुछ सिलसिला सा चल पड़ा है..पुरानी पहचान लौटाने या नई पहचान देने के नाम पर जगहों के नाम बदले जा रहे हैं।

अब लाल किला भी इस फेहरिस्त में आ गया है..इसका नाम बदलने की मांग शुरू हो गई है। विश्व धरोहर की लिस्ट में शामिल दुनिया के इस सर्वश्रेष्ठ किले के बारे में अब तक तो हमने यही पढ़ा है कि इसका निर्माण की शुरुआत मुगल सम्राट शाहजहां द्वारा 1638 ईसवी में करवाई गई थी।ये काम दस साल यानी करीब 1648 ईसवी तक चला। लेकिन अब अखिल भारत हिंदू महासभा ने इसे लेकर अलग दावा किया है। महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामि चक्रपाणि महाराज ने कहा है कि लाल किला का पूर्व नाम लाल कोट था और इसका निर्माइ 1060 में हिंदू राजा अनंगपाल तोमर ने करवाया था जो अभिमन्यु के वंशज एवं पृथ्वीराज चौहान के नाना थे। यही उद्धरण देते हुए स्वामी चक्रपाणि ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है जिसमें मांग की है कि ‘लाल किले’ का नाम बदलकर ‘भगवा किला’ कर दिया जाए।

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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।