उम्मीदवार को मिली बड़ी राहत, जबलपुर हाईकोर्ट ने 2018 शिक्षक भर्ती के रिक्त पदों को भरने के दिए निर्देश

मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की एकल पीठ ने युवाओं के पक्ष में यह बड़ा फैसला सुनाया है।

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MP Teacher Recruitment 2018 : जबलपुर हाईकोर्ट ने प्रदेश के युवाओं को बड़ी राहत देते हुए गुरुवार को एक अहम फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने साल 2018 में हुई उच्चतर माध्यमिक शिक्षक भर्ती में रिक्त 5935 पदों को भरने के आदेश राज्य सरकार को दिए है। मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की एकल पीठ ने युवाओं के पक्ष में यह बड़ा फैसला सुनाया है।

क्या है पूरा मामला

अधिवक्ता धीरज तिवारी ने जानकारी देते हुए बताया कि याचिकाकर्ता ऋतु नामदेव व अन्य ने उच्चतर माध्यमिक शिक्षक भर्ती 2018 के बचे हुए पदों पर नियुक्ति न देने के विरुद्ध जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका प्रस्तुत की थी। याचिकाकर्ता द्वारा बताया गया कि वर्ष 2018 में उ. मा. शि. के 17000 पदों का विज्ञापन निकाला गया था। जिसमें से 15000 पदों को प्रथम चरण में व शेष पदों को दूसरे चरण में भरा जाना था, लेकिन भरा नही गया। याचिकाकर्ता द्वारा RTI लगाकर 2018 भर्ती के रिक्त पदों की जानकारी माँगी गई। तब उत्तरवादी क्रमांक 2 लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा RTI के जबाब में 5935 पदों को रिक्त होना बताया गया। याचिकाकर्ता ने बताया कि उक्त भर्ती में उसके दस्तावेजों का सत्यापन भी करा लिया गया था, लेकिन उसे नियुक्ति नहीं दी गई।

न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की एकल पीठ ने उत्तरवादी शासकीय अधिवक्ता से प्रश्न किया राज्य के विद्वान सरकारी वकील ने जवाब दाखिल करने के लिए कम समय की प्रार्थना की। उनका कहना है कि कम मेधावी किसी अन्य अभ्यर्थी को नियुक्ति नहीं दी गई है। मामले के सभी तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, याचिकाकर्ताओं को उत्तरदाताओं संख्या 3 स्कूल शिक्षा विभाग और 4 जनजातीय कार्य विभाग के समक्ष नए अभ्यावेदन दाखिल करने का निर्देश दिया। साथ ही कहा याचिकाकर्ताओं को परिणाम बताएं। याचिकाकर्ताओं को अलग-अलग अभ्यावेदन दाखिल करने का निर्देश दिया गया है। और प्रत्येक अभ्यावेदन पर प्रतिवादी-अधिकारियों द्वारा अलग से आदेश पारित किया जाएगा। कोर्ट ने इस कार्य के लिए तीन माह का समय दिया है।


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Amit Sengar

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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है। वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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