भोपाल।
छत्तीसगढ़ में पेंशनर्स के बढ़ते आक्रोश के कारण सरकार ने महंगाई भत्ता (डीए) बढ़ा दिया है। इसके आदेश लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने से ठीक पहले आठ मार्च को ही जारी कर दिए गए है।आदेश के अनुसार, सरकार ने एक जनवरी 2018 से दो फीसदी बढ़ाकर 7 प्रतिशत कर दिया।वही मध्यप्रदेश के पेंशनर्स को निराशा ही हाथ लगी है।वित्त मंत्री तरुण भनोट द्वारा पत्र लिखे जाने पर भी अब तक छग सरकार ने एमपी में इसकी सहमति नही दी है। जिसके कारण पेंशनर्स में सरकार के प्रति आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है।अब लोकसभा चुनाव के बाद ही इस पर कोई निर्णय हो पाएगा।चुनाव से पहले यह कदम सरकार को भारी पड़ने वाला है। पेंशनर्स इसको लेकर धमकी भी दे चुके है।
दरअसल, मध्यप्रदेश में सरकार ने हाल ही में कर्मचारियों को चार फीसदी वृद्धि के साथ नौ फीसदी महंगाई भत्ता देने का आदेश जारी किया है। इसका फायदा पेंशनर्स को नहीं मिल रहा है, क्योंकि छत्तीसगढ़ ने इस पर अभी तक सहमति नहीं दी है। बिना सहमति के दोनों सरकार कोई फैसला नहीं कर सकती हैं। जबकी छत्तीसगढ़ सरकार ने अपने यहां दो प्रतिशत डीए बढाने के आदेश आचार संहिता के पहले ही जारी कर दिए है।इसके लिए मध्यप्रदेश के वित्त विभाग ने छग सरकार को दो से तीन बार पत्र भी भेजे है।
वित्तमंत्री तरुण भनोत के पत्र लिखने के बावजूद एमपी में इसकी सहमति देने की जगह छत्तीसगढ़ सरकार ने अपने यहां के पेंशनर्स का महंगाई भत्ता दो फीसदी बढ़ा दिया। अब वहां एक जनवरी 2018 से पेंशनर्स को सात फीसदी डीए मिलेगा।हालांकि, यह भी दो फीसदी कम है क्योंकि कर्मचारियों को जुलाई 2018 का दो फीसदी डीए भी दिया जा चुका है। जबकि मध्यप्रदेश के पेंशनर्स डीए के मामले में राज्य कर्मचारियों से चार प्रतिशत पीछे चल रहे हैं। इसको लेकर पेंशनर्स एसोसिएशन सरकार को लोकसभा चुनाव में साथ न देने की चेतावनी भी दे चुकी है पर कोई निर्णय नहीं हो पा रहा है। वित्त विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अब यदि छत्तीसगढ़ सरकार से सहमति आ भी जाती है तो भी डीए नहीं बढ़ पाएगा। इसके लिए चुनाव आयोग से अनुमति लेनी होगी, जो शायद ही मिले, क्योंकि डीए में वृद्धि का लाभ व्यक्तिगत मिलता है।
दो दिन पहले वित्तमंत्री ने लिखा था पत्र
मध्य प्रदेश के पेंशनर्स को 4 फ़ीसदी महंगाई राहत का भुगतान करने के लिए वित्त मंत्री तरुण भनोट ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखा है।वित्त मंत्री ने अपने पत्र में कहा कि मध्यप्रदेश के पेंशनर्स का 1 जनवरी और 1 जुलाई 2018 से 22 फीसदी महंगाई राहत बकाया है।वित्तमंत्री ने कुल 4 फ़ीसदी महंगाई राहत बढ़ाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की सहमति मांगी है। चुंकी मध्य प्रदेश के पेंशनर्स को 4 फ़ीसदी महंगाई राहत देने के लिए छत्तीसगढ़ की सहमति जरुरी है। छत्तीसगढ़ सरकार ने अभी तक मध्य प्रदेश को पेंशनर्स का डीए बढ़ाने की सहमति नहीं दी है। इसके कारण राज्य सरकार कोई फैसला नहीं ले पा रही है। प्रदेश के कर्मचारियों का डीए हाल में दो फीसदी बढ़ाकर 9 प्रतिशत कर दिया गया है।प्रदेश के करीब 4.64 लाख पेंशनर्स को इसका लाभ मिलना है।देरी के चलते पेंशनर्स में आक्रोश बढने लगा था।
चेतावनी भी दे चुके है पेंशनर्स
दो दिन पहले ही कमलनाथ सरकार ने कर्मचारियों का दो प्रतिशत डीए बढाकर नौ फीसदी करने के आदेश जारी किए थे, जबकि पेंशनर्स को अभी तक पांच प्रतिशत ही डीए मिल रहा है।जिसके कारण पेंशनर्स में सरकार के प्रति आक्रोश व्याप्त हो गया है। पेंशनर्स एसोसिएशन ने सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा है कि बीते साल शिवराज सिंह ने मुख्यमंत्री निवास में हुई पेंशनर्स पंचायत में ऐलान किया था। इसके बाद भी वित्त विभाग ने खजाने की हालात का हवाला देते हुए इसे क्रियान्वित नहीं किया।पेंशनर्स ने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का साथ इस उम्मीद के साथ दिया था कि उनके साथ न्याय होगा। वचन पत्र में भी पार्टी ने इसका जिक्र किया है। अब कांग्रेस सरकार बनने के बाद पेंशनर्स को उम्मीद थी कि लंबित डीए के साथ सातवें वेतनमान के एरियर को लेकर भी सरकार फैसला करेगी लेकिन अब तक कोई फैसला नहीं हुआ। जल्द इस पर फैसला ना लेने पर पेंशनर्स ने सरकार को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि जो पेंशनर्स के साथ नहीं, वे भी उनके साथ नहीं हैं। इसके बाद सरकार ने छत्तीसगढ़ सरकार को पत्र लिख मंहगाई भत्ता बढाने की सहमति मांगी है।लेकिन सरकार ने मध्यप्रदेश को लेकर अब तक कोई फैसला नही लिया है जबकी छग में दो फीसदी भत्ता बढ़ा दिया गया है।