भोपाल। लोकसभा चुनाव में पराजय के बाद अब कांग्रेस ने आगे की रणनीति तय करने के लिए रविवार को विधायक दल की बैठक बुलाई है। आगामी विधानसभा सत्र को लेकर इस बैठक में सभी विधायकों से चर्चा की जाएगी। इसके साथ ही बीजेपी के विरोध प्रदर्शन की भी संभावना है उससे कैसे निपटा जाए इसके लिए भी बैठक में प्लान तैयार किया जाएगा। इसके अलावा कैबिनट विस्तार भी एक अहम मुद्दा है। जिस पर चर्चा की उम्मीद है। यह बैठक मुख्यमंत्री निवास पर चल रही है।
दरअसल, विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस के कई वरिष्ठ विधायकों को मंत्री मंडल में शामिल नहीं किया गया था। जिसके बाद उनकी समय समय पर नाराजगी सामने भी आती रही है। लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी ने ऐसे वरिष्ठ विधायकों को आश्वासन दिया था कि लोकसभा चुनाव के बाद उनको मंत्री मंडल में शामिल किया जाएगा। मंत्रिमंडल में वरिष्ठ विधायकों में छह बार के विधायक केपी सिंह समेत अन्य विधायकों में बिसाहूलाल सिंह, एंदल सिंह कंसाना और राज्यवर्द्धन सिंह दत्तीगांव को जगह नहीं मिल पाई थी। ये सभी सरकार से नाराजगी भी जता चुके हैं।
इनको भी उम्मीद: निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह ठाकुर और केदार सिंह डाबर भी उम्मीद जता रहे हैं कि उन्हें मंत्रिमंडल में स्थान मिलेगा। इसके साथ ही बसपा विधायक संजीव सिंह कुशवाह और सपा से राजेश शुक्ला को मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की चर्चा है। इन विधायकों को कैबिनेट में शामिल न किए जाने की वजह उनके पहली बार विधायक चुना जाना बताया गया था। हालाकि मंत्रिमंडल विस्तार कब होगा, यह अभी तय नहीं है। फिलहाल कमलनाथ कैबिनेट में मुख्यमंत्री समेत अन्य 28 मंत्री हैं। इसलिए मंत्रिमंडल में 6 नए चेहरे ही शामिल किए जा सकते हैं, जबकि मंत्रिमंडल में स्थान न पाने वालों की लंबी फेहरिस्त है। माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल का विस्तार न होने तक पार्टी के विधायकों और निर्दलियों को खाली पड़े निगम मंडलों में एडजेस्ट किया जा सकता है।